Saturday, November 23, 2024
spot_img

रामेश्वरम कैफे विस्फोटः करंदलाजे ने तमिलनाडु के लोगों से मांगी माफी

चेन्नई
भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट से तमिलनाडु के लोगों को जोड़ने वाली अपनी टिप्पणी के लिए मद्रास उच्च न्यायालय में माफी मांगी है और कहा है कि उनका कभी भी तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था। श्रीमती कर्ंदलाजे ने मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायकर कर माफी मांगी। उन्होंने यह हलफनामा मदुरै पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी (एफआईआर) को रद्द करने की उनकी याचिका सुनवाई के दौरान दायर की। हलफनामे में उन्होंने कहा कि अगर इस साल मार्च में बेंगलुरु में रामेश्वरम कैफे विस्फोट के दौरान मीडिया को दिए गए उनके बयानों से तमिलाडु के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो वह माफी मांगती हैं।

 उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में रामेश्वरम कैफे बम विस्फोट मामले के बारे में मीडिया को संबोधित करते हुए तमिलनाडु के लोगों के बारे में की गई कथित टिप्पणी तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से नहीं की गई थी।

उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही अपनी पिछली टिप्पणियों को वापस ले लिया है और अगर उनकी टिप्पणियों से तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से इसके लिए माफी मांगती हैं। उन्होंने कहा, "मैं तमिलनाडु के इतिहास, समृद्ध संस्कृति, परंपरा और लोगों के प्रति बहुत सम्मान रखती हूं और मेरा किसी भी आचरण से तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं है।"

उन्होंने कहा, "इसलिए, मैं एक बार फिर तमिलनाडु के लोगों से माफी मांगती हूं। न्याय के हित में कृपया इसे रिकॉर्ड में लिया जाए।" उनकी दलीलों को स्वीकार करने के बाद, अदालत ने मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने मामले की सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार ने अदालत को सूचित किया था कि अगर कर्नाटक की लोकसभा सांसद बेंगलुरु में रामेश्वरम कैफे विस्फोट के साथ तमिलों को जोड़ने वाली अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगती हैं, तो उनके खिलाफ आपराधिक मामला रद्द किया जा सकता है।

महाधिवक्ता (एजी) पीएस रमन ने अदालत को बताया था कि अगर केंद्रीय मंत्री एक प्रेस वार्ता आयोजित करें और अपनी आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए माफी मांग लें, तो उनके खिलाफ लंबित मामला रद्द किया जा सकता है। उन्होंने न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन के समक्ष राज्य सरकार की ओर से एक मसौदा माफी पत्र प्रस्तुत करने के बाद अदालत से याचिकाकर्ता को अपनी आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए माफी मांगने के लिए एक प्रेस वार्ता आयोजित करने का निर्देश देने की भी मांग की और कहा कि अगर याचिकाकर्ता माफी मांगने के लिए सहमत हो जाती है, तो आपराधिक मामले को रद्द करने की उनकी याचिका को स्वीकार किया जा सकता है।

वहीं, श्रीमती करंदलाजे के वकील ने अदालत को सूचित किया था कि वह माफी मांगते हुए एक हलफनामा दायर करने को तैयार हैं। इसके बाद अदालत ने कहा कि संवाददाता सम्मेलन आयोजित करना और माफी मांगना अधिक उचित होगा, क्योंकि टिप्पणियां सार्वजनिक रूप से की गई थीं। न्यायाधीश ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता की टिप्पणी ने समाज को गलत संदेश दिया है, इसलिए इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान, न्यायाधीश ने मौखिक रूप से कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को बयान देते समय अधिक सचेत रहना चाहिए।

श्रीमती शोभा के खिलाफ आरोप है कि मार्च 2024 में, रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोटों के बाद, उन्होंने कथित तौर पर कहा था, “तमिलनाडु में प्रशिक्षित लोग यहाँ बम लगाते हैं। होटल में बम लगाया गया था।” इसके बाद, मदुरै के निवासी त्यागराजन ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई कि कथित टिप्पणी का उद्देश्य तमिलों और कन्नड़ लोगों के बीच दुश्मनी और नफरत पैदा करना है। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसावे की कार्रवाई), 153 (ए) (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 505 (आई) (बी) (ऐसे बयान देना जिससे जनता में भय पैदा हो सकता है) और 505 (2) (घृणा या दुर्भावना पैदा करने वाले बयान देना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

अदालत ने इससे पहले सुकरंदलाजे के बयानों पर सवाल उठाया था और पूछा था कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा छापेमारी से पहले ही मंत्री विस्फोटों को तमिलनाडु के लोगों से कैसे जोड़ सकती हैं।

 

Related Articles

- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img

Latest Articles