Johar36garh (Web Desk)| रेशम विभाग पामगढ़ क्षेत्र के फील्ड आफिसर मधुप चंदन ने आज टसर केंद्रों निरीक्षण किया । जहा वो आज टसर केंद्र पकरिया पहुँचे उन्होंने वहाँ कृमि पालन कर रहे कृषको को सेनिटाइजर और मास्क का वितरण किया। साथ ही यह बताया कि कृमि पालन करते समय किन किन बातों को ध्यान में रखकर कृमि पालन किया जाता है जैसे कृमि पालन करने से पहले चाकी बगान की साफ सफाई करके वहाँ पर चुना 09 भाग और 01 भाग बिलीचिंग पावडर को मिलाकर 2 घण्टो तक उसे ढककर रखा जाता है। फिर उसके बाद छिड़काव किया जाता है साथ ही उसके तीन बाद ब्लीचिंग पावडर घोल को तैयार कर फिर से जमीन पर छिड़काव किया जाता है । उसके बाद दूसरे दिन कृमि पालन किया जाता है ।
साथ ही यह बताया कि चींटी , सुजिया, और चिड़िया आदि से कैसे हमे बचाव करना है उनकी जनाकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि एक कीड़ा अपने जीवन चक्र में 04 बार मोल्ट में बैठते हैं वह 24 घंटे कुछ भी नही खाते है।फस्ट क्रॉप का 30 से 35 दिन का समय लगता है तब जाके वह कीड़ा कोसा बनाता है। साथ ही बताया कि यह कृषको का अतिरिक्त आय है खेती किसानी करतें हुए भी हम कृमि पालन कर सकते है कृमि पालन 0 बैलेंस से शुरू होता है इसमें टसर कृषको कोई भी प्रकार से घर से खर्च नही करना पड़ता है। इसे टसर कृषक खेती करके अपने आय का अतिरिक्त साधन बना सकते है।
अंत मे उन्होंने कहा कि देश मे लॉकडाउन के वजह से आम मजदूरों को दिक्कतों का भारी सामना करना पड़ रहा है जिनको रेशम विभाग जांजगीर जिले भर के टसर केंद्रों में कृमिपालन के तहत रोजगार मुहैया कराया जा रहा है।