नई दिल्ली
भारत की टेस्ट टीम के उपकप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत एक मैच के लिए बैन होने से बच गए, लेकिन लीड्स टेस्ट मैच के दौरान अंपायर से बदतमीजी करने की सजा उनको मिल गई। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी ने ऋषभ पंत को फटकार लगाई है और उनके खाते में एक डिमेरिट पॉइंट जोड़ दिया गया है, जो आगे चलकर उनके लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। बॉल बदलने की अपील को अंपायर ने बॉल गेज से चेक करने के बाद ठुकरा दिया था, जिससे पंत नाराज थे और उन्होंने गेंद को फेंक दिया था।
आईसीसी ने मीडिया रिलीज में बताया है कि ऋषभ पंत को रविवार को हेडिंग्ले में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के तीसरे दिन आईसीसी आचार संहिता के लेवल 1 का उल्लंघन करने के लिए आधिकारिक फटकार लगाई गई है। पंत को प्लेयर्स एंड प्लेयर्स सपोर्ट स्टाफ के लिए आईसीसी आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 का उल्लंघन करते हुए पाया गया, जो “इंटरनेशनल मैच के दौरान अंपायर के फैसले पर असहमति दिखाने” से संबंधित है।
फटकार के अलावा पंत के अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमेरिट अंक जोड़ा गया है। 24 महीने की अवधि में यह उनका पहला अपराध था। यह घटना इंग्लैंड की पहली पारी के 61वें ओवर के अंत में हुई, जब अंपायरों ने बॉल गेज से गेंद के आकार की जांच की और इसे नहीं बदलने का फैसला किया। पंत ने अंपायरों के सामने गेंद को जमीन पर फेंककर अंपायरों के फैसले पर असहमति दिखाई। पंत ने अपने इस अपराध को स्वीकार कर लिया और मैच रेफरी रिची रिचर्डसन द्वारा प्रस्तावित दंड को स्वीकार कर लिया, इसलिए औपचारिक सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं थी।
मैदानी अंपायर पॉल रीफेल और क्रिस गैफनी, तीसरे अंपायर शारफुद्दौला इब्ने शाहिद और चौथे अंपायर माइक बर्न्स ने ऋषभ पंत पर ये आरोप लगाया था। लेवल 1 उल्लंघन के लिए न्यूनतम दंड आधिकारिक फटकार, अधिकतम दंड खिलाड़ी की मैच फीस का 50 प्रतिशत और एक या दो डिमेरिट अंक हैं। अगर किसी खिलाड़ी को चार डिमेरिट पॉइंट 2 साल के भीतर मिलते हैं तो उसे एक टेस्ट या दो वनडे या दो टी20 मैचों के लिए बैन कर दिया जाता है।