चीन सीमा पर रोबोट्स की तैनाती दिसंबर में, AI तकनीक से ड्रैगन ने सबको चौंकाया

बीजिंग 

 टेक्नोलॉजी की दुनिया से बड़ी खबर सामने आ रही है. जरा सोचिए दो देशों के सीमा पर जहां अभी तक लंबी लाइनों में इंसानी स्टाफ यात्रियों को गाइड करते हैं वहीं काम अब रोबोट संभालेंगे! पड़ोसी मुल्क चीन ने अपने बॉर्डर क्रॉसिंग पर ऐसे ह्यूमनॉइड रोबोट्स का सफल ट्रायल पूरा कर लिया है और अब दिसंबर से इनकी तैनाती भी शुरू कर देगा. यह कदम न सिर्फ यात्रा प्रक्रिया को तेज बनाएगा बल्कि बार्डर मैनेजमेंट में टेक्नोलॉजी की नई क्रांति का संकेत भी देता है.

शेन्जेन स्थित कंपनी यूबीटेक रोबोटिक्स (UBTech Robotics) को इस प्रोजेक्ट के लिए करीब ₹308 करोड़ रुपये मिले हैं. कंपनी के वॉकर नाम के  ह्यूमनॉइड मॉडल्स का इस्तेमाल वियतनाम बॉर्डरके पास एक टेस्टिंग सुविधा में किया जाएगा.

रोबोट क्या करेंगे?
इस ट्रायल के तहत ये रोबोट्स को दिसंबर में तैनात कर दिया जाएगा. ये रोबोट्स कई बॉर्डर- कंट्रोल कार्यों में मदद करेंगे, जिनमें शामिल हैं-

See also  तालिबान का दावा: NATO और अमेरिका के दौर में पला ISIS, हमने आते ही किया ख़त्म

बॉर्डर पार करने वाले यात्रियों को सही दिशा दिखाना.

लंबी लाइनों को व्यवस्थित करना.

लॉजिस्टिक्स कामों को संभालना

ये रोबोट पास की फैक्ट्रियों में गश्त भी कर सकते हैं.

इन रोबोट्स की एक सबसे खास बात यह है कि ये अपनी बैटरी खुद बदल सकते हैं जिससे वे बिना रुके काम कर सकते हैं. लेकिन यह साफ नहीं है कि  ये रोबोट ऑनबोर्ड AI पर काम करेंगे या इन्हें रिमोट से कंट्रोल किया जाएगा.

चीन का रोबोटिक्स पर जोर
चीन का यह कदम सरकार के उस बड़े प्रयास का हिस्सा है जिसके तहत पब्लिक सर्वस में रोबोट्स को तेजी से तैनात किया जा रहा है. चीन ने रोबोटिक्स को एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बना दिया है.

एक कंसल्टेंसी के मुताबिक चीन का ह्यूमनॉइड बिजनेस 2025 तक CNY 82 बिलियन यानी करीब ₹95,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है जो ग्लोबल सेल का लगभग आधा होगा. जानकारों का मानना है कि प्रोडक्शन में वृद्धि हो सकती है लेकिन वास्तविक दुनिया में उनकी तैनाती अभी भी सीमित है. ड्रैगन का यह कदम बताता है कि चीन अपनी सीमाओं पर आधुनिकता लाने के लिए तकनीक का सहारा ले रहा है. 

See also  ईरान ने फतह मिसाइल से इजरायल पर बोला हमला, 200 अटैक से मचाई तबाही, जमीन पर न गिरकर भी किया बड़ा नुकसान