Johar36garh | छत्तीसगढ़ में एक बार फिर संविधान के नियमों को लेकर एक सवर्ण ने सोशल मिडिया फेसबुक से अभद्र टिप्पणी की गई है| साथ ही उन्होंने भारत की न्यायपालिका की कार्य प्रणाली पर भी ऊँगली उठाई है | उन्होंने 2 पोस्ट के माध्यम से टिप्पणी की है 1. संविधान दण्ड सहित मुजरिमों के रखवार जनता और पुलिस ही पीड़ित के परिवार क्यों न करें ऐसे संविधान का तिरस्कार अब जनता ही जनार्दन हों 2. नीली वर्दी ने अपनी प्रेक्टिस नोटबुक इतनी कमजोर बनाई है की सड़क पे उतरे बिना किसी को न्याय नहीं मिलता इसे पावभाजी वाले को दे दो |
इस टिप्पणी के विरोध में भीम आर्मी अब मैदान में उतर आई है, उन्होंने अकलतरा थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंप पर तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है | साथ ही भीम आर्मी इसे लेकर छत्तीसगढ़ के मुख़्यमंत्री भूपेश बघेल और हाईकोर्ट के माननीय न्यायधीश महोदय को भी अवगत कराएगी |
आप को बता दें कि भीम आर्मी अकलतरा ने अमोरा निवासी पुष्पेंद्र दुबे के द्वारा भारतीय संविधान एवं भारतीय संविधान के निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के ऊपर अभद्र टिप्पणी किया गया है जिनकी गिरफ्तारी एवं टिप्पणी करने वाले के ऊपर तत्काल कार्यवाही करने की मांग की है इस दौरान उन्होंने आवेदन के साथ में फेसबुक में किए गए टिप्पणी की स्क्रीनशॉट की छाया प्रति भी ज्ञापन के साथ दिया है एवं जल्द कार्यवाही करने की मांग किया गया है ज्ञापन सौंपने के दौरान भीम आर्मी भारत एकता मिशन के ब्लॉक अध्यक्ष सुरेंद्र लहरें, निक्कू पाटले, छोटू सोनवानी, जितेंद्र रात्रे, सहित बड़ी संख्या में भीम आर्मी के लोग उपस्थित रहे |
संविधान, डॉ अंबेडकर व न्यायपालिका पर टिप्पणी करना बेहद ही अशोभनीय है, पुपेन्द्र दुबे ने भारत की न्याय ब्यवस्था पर ही सवाल उठाया है, लोगों से न्याय के लिए सड़क पर उतरने की बात कहते हुए संविधान का तिरस्कार करने की बात कही है, जिससे न्याय की आश में बैठे लोगों में अराजकता फ़ैल सकती है, भीम आर्मी पुलिस प्रशासन से मांग करती है की तत्काल इस मामले में कार्यवाही करें | भीम आर्मी इसकी शिकायत छत्तीसगढ़ के मुख़्यमंत्री भूपेश बघेल और हाईकोर्ट के माननीय न्यायधीश महोदय से करेगी |
राजकुमार जांगड़े
प्रदेशाध्यक्ष भीम आर्मी
जानिए क्या है देशद्रोह
भारतीय कानून संहिता (आईपीसी) की धारा 124A में देशद्रोह की दी हुई परिभाषा के मुताबिक, अगर कोई भी व्यक्ति सरकार-विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है या फिर ऐसी सामग्री का समर्थन करता है, या राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश करता है, तो उसे आजीवन कारावास या तीन साल की सजा हो सकती है|
सनी सूर्यवंशी की रिपोर्ट