JJohar36garh News|(Basant Khare) जांजगीर जिला के पामगढ़ जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत लोहर्सी के सरपंच पर अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के ठीक पहले जारी स्थगन आदेश ग्रामीणों को हजम नहीं हुई, तमाम पंचों और ग्रामीणों ने इसे सत्ता के दबाव में लिया गया फैसला बताया, उन्होंने आरोप लगाया की राज्य सरकार कांग्रेसी सरपंच को बचाने के लिए मतदान को स्थगित किया गया है | मौके पर मतदान स्थगन को लेकर ग्रामीणों में रोष साफ दिखाई दे रहा था | गुस्सा इतना था की सभी पंच आज ही मतदान कराने एसडीएम के पीछे-पीछे कार्यालय पहुंच गए|
पंचों ने बताया की सरपंच कविता नरेंद्र तिवारी द्वारा मनमाने ढंग से राशि का आहरण किया गया है| आहरण राशि का विकास कार्यों में उपयोग नहीं किया जाता और न ही इसकी जानकारी किसी भी पंच को दी जाती है। 14 वें व 15 वें वित्त की राशि का भी गबन किया गया है इस मनमानी से परेशान होकर 30 जुलाई को सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लगाया गया है। जिसमें 11 अगस्त को मतदान की तारीख तय की गई थी|
तय तारीख और समय पर ग्राम पंचायत भवन में सरपंच, उपसरपंच और सभी पंच पहुंच चुके थे | फैसला सुनने के लिए पूरा गांव भारी बारिश के बीच ग्राम पंचायत भवन के इर्दगिर्द मौजूद थे| इसी बीच पीठसीन अधिकारी पामगढ़ तहसीलदार श्रीमती जयश्री पथे की जगह एसडीएम करुण डहरिया पहुँचते हैं| कमरे में प्रक्रिया शुरू होती है पंचायत सचिव एसिक लाल द्वारा उपस्थिति रजिस्टर में सभी के हस्ताक्षर लिए जाते हैं, जिसके बाद एसडीएम द्वारा तहसीलदार श्रीमती जयश्री पथे की तबियत ख़राब होने का हवाला देते हुए चुनाव को स्थगित करने के जानकारी देते है | स्थगन की जानकारी मिलते ही सरपंच कमरे से बाहर निकलती है और सीधे घर का रुख करती है| इधर उपसरपंच और सभी पंचो के पैरों तले जमीन खिसक गई, उधर मतदान के स्थगन की सूचना जैसे ही ग्राम के लोगों को हुई वहां कोहराम मच गया |
सरपंची को बचाने के लिए लिया फैसला
पंचों और ग्रामीणों ने इस फैसले का विरोध करते हुए सरपंच की सरपंची को बचाने के लिए मौका देने का आरोप लगाया है, ग्रामीणों का कहना है की सरपंच पति कांग्रेस महामंत्री है इसलिए यह फैसला लिया गया है | यदि पीठासीन अधिकारी की तबियत ख़राब है तो जिला में और भी अधिकारी होंगे उसे पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया जा सकता था, लेकिन नहीं किया गया और न ही नए मतदान की तारीख बताई गई|
पिछड़ा वर्ग बाहुल्य क्षेत्र
ग्राम पंचायत लोहर्सी पिछड़ा वर्ग बाहुल्य क्षेत्र है, यहां से जितने वाले आधे अधिक 15 पंच पिछड़ा वर्ग के है| जबकि अनुसूचित जाति के 3 अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग के 1-1 पंच है | सरपंच सामान्य वर्ग से हैं| सभी 20 पंच सरपंच के खिलाफ एक जुट होकर खड़े हुए है |
आधे से अधिक पंच कांग्रेस समर्थित
ग्राम पंचायत के 20 पंचों में आधे अधिक कांग्रेस समर्थित हैं, और कुछ बीजेपी | लेकिन सभी पंच सरपंच की मनमानी की वजह से उसके साथ नहीं है | गांव के सभी पंच एकजुट हो चुके हैं और उसे हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लगाया गया है | सभी ने इस फैसले का विरोध किया है |
विधानसभा 2018 में मिला था 40 फीसदी से अधिक वोट
ग्राम पंचायत लोहर्सी में 4 बूथ में मतदान होता है| विधान सभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को काफी बढ़त यहां से मिली थी | चारों बूथ मिलकर लगभग 40 फीसदी से भी अधिक वोट कांग्रेस के पक्ष में पड़े थे | उसे 1157 वोट मिले थे, जबकि विजयी बहुजन समाज पार्टी को यहां सबसे कम 577 वोट, वही भारतीय जनता पार्टी को 790 वोट मिले थे |