नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की ओर से जुलाई में पहला रेपो-लिंक्ड होम लोन पेश करने के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा सहित कई अन्य बैंक भी रेपो-लिंक्ड होम लोन ऑफर लेकर आए हैं। सरकार ने बैंकों से कहा है कि वे रिजर्व बैंक से लोन लेने वालों के लिए तेजी से रेपो-लिंक्ड लोन का फायदा दें। SBI के रेपो-लिंक्ड होम लोन की ब्याज दर 8.05% से शुरू होती है, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा की रेपो-लिंक्ड लोन की ब्याज दर 8.35% है।
SBI के रेपो-लिंक्ड होम लोन की ब्याज दर बैंक की रेपो रेट लेंडिंग रेट (RLLR) पर आधारित है, जो मौजूदा समय में 7.65% है। RBI ने 7 अगस्त को रेपो रेट में 35 बीपीएस की कटौती की और इसके बाद एसबीआई का आरएलएलआर 1 सितंबर से बदल गया।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने पिछले महीने RBI के रेपो रेट से जुड़ा होम लोन पेश किया था। मौजूदा समय में बैंक ऑफ बड़ौदा का रेपो-रेट होम लोन 8.35% से शुरू होता है, जो कि RBI के रेपो रेट से 295 आधार अंक अधिक है। बैंक ऑफ बड़ौदा उधारकर्ता के जोखिम प्रोफाइल के आधार पर 100 आधार अंक तक अधिक शुल्क ले सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जब आरबीआई अपनी बेंचमार्क दर में कटौती करता है, तो रेपो दर-लिंक्ड होम लोन योजनाओं को एमसीएलआर-आधारित होम लोन की तुलना में दर में कटौती का फायदा तुरंत मिलता है। लेकिन अगर आरबीआई दरें बढ़ाता है, तो एमसीएलआर-आधारित दरों की तुलना में होम लोन की दरें तेजी से बढ़ती हैं।
RBI को इस बात से नाराजगी है कि रेपो दर में 0.85 फीसद कटौती के बाद भी बैंक इसका फायदा ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं। RBI ने 2019 में रेपो दर में चार बार कटौती की है जिसमें कुल मिलाकर 1.10 फीसद की कटौती की गई है। अप्रैल से बैंक 0.85 फीसद तक की कटौती कर चुका है। रिजर्व बैंक का कहना है कि उसकी रेपो दर में 0.85 फीसद कटौती के बाद बैंक अगस्त तक केवल 0.30 फीसद तक ही कटौती कर पाए हैं।
उधर बैंकों का कहना है कि उसकी देनदारियों की लागत कम होने में समय लगता है जिसकी वजह से रिजर्व बैंक की कटौती का लाभ तुरंत ग्राहकों को देने में समय लगता है।