मप्र में दैवेभो-स्थायीकर्मी की 7 कैटेगरी खत्म, आदिवासी जिलों के लिए 1782 करोड़ का सिंचाई पैकेज

भोपाल 

मध्यप्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की 7 कैटेगरी (दैनिक वेतन भोगी, अंशकालीन, कार्यभारित, स्थायीकर्मी सहित अन्य) समाप्त कर दी हैं। अब सिर्फ तीन कैटेगरी रहेंगी, इनमें नियमित, संविदा, आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं। मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले। 

कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि वर्तमान में कार्यरत कार्यभारित कर्मचारी की सेवाकाल में मृत्यु होने पर उसके आश्रित को नियमित पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। इस संवर्ग में अभी ऐसा प्रावधान नहीं था। जिन कैटेगरी को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है, वे अपने सेवाकाल तक कार्य करते रहेंगे। उनके रिटायर होते ही वह पद स्वत: समाप्त हो जाएगा। यदि विभाग कर्मचारी की डिमांड करता है, तो उस पद के विरुद्ध नियमित पद का सृजन किया जाएगा और भर्ती की जाएगी। बता दें कि दिग्विजय सरकार ने साल 2001 में दैनिक वेतन भोगी के पद समाप्त किए थे।

कोर्ट में नहीं बताना पड़ेगी कैटेगरी

सरकार का कहना है कि अभी न्यायालयीन प्रकरणों में अलग-अलग पदों की वजह से काफी गफलत होती है। नई व्यवस्था लागू होने और संबंधित पद समाप्त होने के बाद कोर्ट को यह बताना नहीं पड़ेगा कि कर्मचारी किस कैटेगरी का है। इससे बार-बार सुनवाई से सरकार बच सकेगी। उधर, स्थायी और अस्थायी का अंतर खत्म करने के बाद विभागों को हर साल अस्थायी पदों के लिए कैबिनेट से मंजूरी लेने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

नियमित और संविदा पर रहेगा फोकस

सरकार ने साफ कर दिया है कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद नियमित और संविदा कर्मचारियों पर ही फोकस रहेगा। दरअसल, आउटसोर्स कर्मचारी सरकार के कर्मचारी ही नहीं हैं। इन कर्मचारियों की सेवाएं सरकार कंपनियों के माध्यम से लेती है।

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मेट्रो के लिए 90.67 करोड़ का प्रावधान

भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के संचालन व रखरखाव के लिए राज्य सरकार ने 90.67 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इस राशि से मेट्रो संचालन में होने वाले खर्च की व्यवस्था की जाएगी। प्रस्ताव नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने प्रस्तुत किया। इस योजना में प्रावधान है कि आमदनी और व्यय का खर्च राज्य शासन को उठाना पड़ता है। इसलिए कैबिनेट ने यह राशि मंजूर की है।

1782 करोड़ का सिंचाई पैकेज

नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत अपर नर्मदा परियोजना, राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना एवं बसानिया बहुउद्देशीय परियोजना के अंतर्गत डूब प्रभावितों के लिए विशेष पैकेज की स्वीकृति दी गई। इसमें पहले से तय बजट में 1782 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज दिया है। इससे 5512 करोड़ रुपए की अनूपपुर, मंडला और डिंडोरी जिलों की योजनाओं का पूरा किया जा सकेगा। 71967 हेक्टेयर जमीन सिंचित हो सकेगी और 125 मेगावाट बिजली जनरेट हो सकेगी।

कैबिनेट में इन मुद्दों को भी दी गई मंजूरी

  • जल संसाधन विभाग में रिटायर्ड एसडीओ वीके रावत से देय पेंशन राशि की वसूली से संबंधित प्रस्ताव मंजूर।
  • सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में रिक्त पदों की पूर्ति एवं राज‌भवन में सेवानिवृत्त कर्मचारी को एक साल के लिए पुनः संविदा नियुक्ति देने तथा संजय सिंह चौहान अतिरिक्त राज्य शिष्टाचार अधिकारी को संविदा नियुक्ति दिए जाने को मंजूरी।
  • लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत डॉ राजेश गौर पूर्व डीन मेडिकल कालेज दतिया के विरुद्ध लोकायुक्त जांच प्रकरण में विभागीय जांच उपरांत पेंशन रोकने से संबंधित प्रस्ताव मंजूर।
  • पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत पूर्व सीईओ जनपद पंचायत राजनगर जिला छतरपुर बीके सिंह के रिटायरमेंट के बाद पेंशन वापस लेने को मंजूरी।
  • पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना के सूचकांक एवं मानदंड निर्धारण पर चर्चा के दौरान योजना का सूचकांक दो से तीन किया गया है। इसके बाद 3810 कार्य 693.76 करोड़ रुपए की लागत से कराए जा सकेंगे।
  • खनिज साधन विभाग के प्रस्ताव पर संचालनालय की स्थापना और खनिजों के सर्वेक्षण की स्थापना जैसी खनिज योजनाओं को वर्ष 2026-27 से 2030-31 तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा को मंजूरी।
  • खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अंतर्गत
  • लोक वित्त पोषित योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति एवं निरंतरता से जुड़े मुद्दे स्वीकृत किए गए।
  • सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को वर्ष 2026-27 से निरंतर जारी रखने पर निर्णय लिया गया। योजना पांच साल तक चलती रहेगी और इसके लिए 905.25 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। योजना में 50 हजार से 50 लाख तक लोन दिए जाने का प्रावधान है।
  • वन विभाग के प्रस्ताव पर वन विज्ञान केंद्र की स्थापना संबंधी नई योजना को मंजूरी दी गई है। इसके लिए 48 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं जो प्रदेश के छह जिलों में बनाए जाएंगे।
  • लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर रोहिणी प्रसाद गुप्ता और अन्य विरुद्ध एमपी सरकार के मामले में न्यायालयीन आदेशों के अनुपालन में कार्यभारित स्थापना में नियुक्तियों से संबंधित विषय को मंजूरी।
  • किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के अंतर्गत सेवानिवृत्त उप संचालक जीएस चौहान को संविदा नियुक्ति दिए जाने और कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रस्ताव पर सलामुद्दीन अंसारी सेवानिवृत्त सहायक संचालक से पेंशन वापसी के संबंध में निर्णय लिया गया।
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773 करोड़ से बनेगा इंदौर के एमवाय अस्पताल का भवन

मंत्रालय में कैबिनेट बैठक शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रिमंडल के सदस्यों को बताया कि इंदौर के एमवाय अस्पताल का नवनिर्माण 773 करोड़ रुपए से किया जा रहा है। यह 1450 बिस्तर का होगा, इससे कई कठिनाईयों से राहत मिलेगी। अस्पताल के साथ नर्सिंग हॉस्टल, ऑडिटोरियम का भी निर्माण होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि विमेन T20 क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 (ब्लाइंड) का फाइनल जीतने वाली भारतीय टीम में शामिल मध्य प्रदेश की तीन दृष्टि बाधित महिला क्रिकेट खिलाड़ियों सुनीता सराठे, सुषमा पटेल और दुर्गा येवले को 25-25 लाख रुपए की राशि पुरस्कार स्वरूप दी जा रही है। प्रत्येक खिलाड़ी के लिए 10-10 लाख रुपए नगद और 15-15 लाख रुपए की एफडी रहेगी। टीम के तीनों कोच सोनू गोलकर, ओमप्रकाश पाल और दीपक पहाड़े को एक-एक लाख रुपए प्रोत्साहन स्वरूप दे रहे हैं।

भरेवा धातु शिल्प को मिला जीआई टैग

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बैतूल जिले के भरेवा धातु शिल्प को जीआई टैग प्राप्त हुआ है। इसके लिए शिल्पकार बलदेव वाघमारे को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय शिल्प पुरस्कार से सम्मानित किया है। गोंड जनजाति की एक उपजाति धातु ढलाई का यह कौशल पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित करती है। यह शिल्पकार प्रतीकात्मक देवी देवताओं की मूर्ति, परंपरागत आभूषण, गोंड अनुष्ठान में प्रयुक्त धार्मिक सामान के साथ ही मोर लैंप, बैलगाड़ी, घंटियां, पायल, दर्पण के फ्रेम जैसी सजावटी वस्तुएं का निर्माण करते हैं। इस सामग्री की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत लोकप्रियता है। वहीं राष्ट्रपति ने 9687 यूनिट बिजली बचाने पर गुना जिले के म्याना रेलवे स्टेशन को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार से सम्मानित किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बधाई दी है।