जनता दल यूनाइटेड ( JDU ) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ( Former Union Minister Sharad Yadav passes away ) का गुरुवार रात को निधन हो गया है. शरद यादव ने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली है. शरद लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिसके चलते उनके गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन इलाज के बाद भी उनकी सेहत में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा था. गुरुवार को उनकी तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई, जिसके चलते उनका निधन हो गया. शरद यादव के निधन से उनकी पार्टी और समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई दिग्गज नेताओं व बड़ी हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है.
उनकी बेटी ने शरद यादव की मौत की पुष्टि की है. शरद यादव देश के दिग्गज नेताओं में से थे. बिहार की राजनीति में उन्होंने एक अलग पहचान बनाई थी. वह समाजवाद की सियासत के पैरोकार थे, जिसने उनकी लोकप्रियता को अर्श पर पहुंचा दिया था. शरद यादव की बेटी शुभाषिनी ने ट्वीट कर पिता के निधन की जानकारी दी. उन्होंने अपने संदेश में लिखा कि पापा नहीं रहे. आपको बता दें कि नीतीश कुमार से साथ विवाद के चलते उन्होंने जेडीयू के अलविदा कह दिया था. शरद बिहार की मधेपुरा सीट से कई बार सांसद चुने गए थे. जानकारी के अनुसार शरद यादव सात बार लोकसभा सांसद चुने गए थे. जिसमें से चार बार तो वह केवल मधेपुरा से ही सांसद बने. जबकि दो बार मध्यप्रदेश के जबलपुर और एकबार उत्तर प्रदेश के बदायूं से भी सांसद बन लोकसभा पहुंचे. शरद यादव को भारतीय राजनीति का पुरोधा भी कहा जाता है. इसके साथ ही उन्होंने एनडीए यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक की भूमिका भी निभाई.
शरद यादव का जन्म एक जुलाई 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में हुआ था. बाबई गांव में जन्मे शरद यादव ने भारत सरकार में कई जिम्मेदारी वाले पद संभाले.