जांजगीर जिला के शिवरीनारायण में एक आबकारी विभाग का रिटायर्ड कर्मचारी अपनी ही पुश्तैनी जमीन के लिए दरबदर भटक रहा है| उसकी जमीन को फर्जी तरीके से गाँव के दोनों ने अपने नाम कर लिया है| जिसकी शिकायत के 3 साल बाद भी उसे उसकी जमीन नहीं मिली है| जबकि इसकी शिकायत जांजगीर पुलिस अधीक्षक से भी की जा चुकी है |इसके बाद भी आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर रही है| परेशान कर्मी रात-दिन दफ्तरों के चक्कर काटकर थक चुका है| मामला शिवरीनारायण के भोगहापारा का है|
दरअसल शिवरीनारायण भोगहापारा निवासी रविन्द्र राव जाधव पिता शंकर लाल जाधव आबकारी विभाग में पदस्थ था| उसकी पोस्टिंग जगदलपुर में थी, इस कारण से वे परिवार समेत वही रहते थे| सेवानिवृत्त होने के 2018 में जब वह वापस गाँव आया तो पता चला की उसकी जमीन खसरा क्रमांक 740, 789, 828 रकबा 0.445,0.390, 0409 की कुल 1.244 की जमीन किसी और के नाम पर चढ़ गई है| राजस्व विभाग से पता करने पर उक्त जमीन नटवर लाल अग्रवाल और रमेश कुमार अग्रवाल के नाम पर है| दोनों ही शिवरीनारायण के रहने वाले हैं | जबकि उसने यह जमीन किसी को नहीं बेचीं है| छानबीन करने पर रविन्द्र राव को पता चला की कोरबा जिला के छुरी निवासी रविन्द्र राव भोसले और हरिशंकर राव भोसले पिता शंकर राव भोसले जाति मराठा द्वारा आम मुखित्यार से 9 मई 2006 को 50 लाख रुपए में इन लोगों के पास बिक्री कर दिया है|
जमीन मालिक श्री जाधव ने 16 मार्च 2021 में शिवरीनारायण थाना में इसकी शिकायत दर्ज़ कराई| शिकायत में बताया की इस जमीन को फर्जी तरीके से रविन्द्र राव भोसले ने अपने नाम और पिता के नाम का फायदा उठाते हुए नटवर लाल अग्रवाल और रमेश कुमार अग्रवाल को बेच दी है| उन्होंने ने आरोप लगाया है की इस धोखाधड़ी में खरीददार भी शामिल है| उन्होंने यह भी आरोप लगाया खरीददार और बिक्री करने वाले आपस में परिचित है| जिसके बाद इसकी शिकायत शिवरीनारायण थाना में की गई | शिकायत के बाद भी दोनों खरीददार को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर रही है| श्री जाधव ने पुलिस अधिकारी पर आरोपियों को बचाने का आरोपी लगा रही है| जिसकी वजह से आज तक आरोपियों को पुलिस गिरफ्तारी नहीं हो पाई है| उन्होंने आरोप यह भी लगाया की दोनों आरोपी शिवरीनारायण में आराम से घूम रहे हैं| और पुलिस खानापूर्ति के लिए दोनों को फरार बता रही है|
इससे परेशान होकर पीड़ित ने जांजगीर पुलिस अधीक्षक से भी इसकी अक्टूबर 2022 में भी की जा चुकी है| लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ है| शिकायत के साल भर बाद भी इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया| जिसकी वजह से आज भी पीड़ित न्याय के लिए भटक रहा है|
श्री जाधव ने बताया की वे 3 भाई थे| पहले नंबर राजेश्वर राव दूसरा रविद्र राव और तीसरा संजय राव था| आबकारी विभाग में नौकरी लगने पर वह जगदलपुर चला गया जबकि दोनों भाई गाँव में रह रहे थे| इसी बीच दोनों भाइयों की मौत हो गई| जमीन का एकलौता वारिस रविन्द्र ही था| चुकी नौकरी गाँव से दूर होने की वजह से इनका गाँव आना बहुत कम होता था | श्री जाधव ने आगे बताया की इसी बात का फायदा उठाकर दोनों आरोपियों ने यह साजिश रची| उन्होंने ने मेरे और पिता का भी एक ही नाम होने वाले व्यक्ति को सामने रखकर यह कांड किया है| उन्होंने आरोप लगाया है की पुलिस बेचने वाले को गिरफ्तार की थी किन्तु साजिश रचने वाले मुख्य आरोपियों को आज तक नहीं पकड़ी है|