नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने सोना बेचने से जुड़ी खबरों को बकवास बताया है. धनतेरस के दिन मीडिया में ऐसी खबरें आईं थी कि RBI 30 साल में पहली बार अपने रिजर्व से सोना बेचने की सोच रहा है. आरबीआई ने ट्वीट कर सोना बेचे जाने की खबरों का खंडन किया है. दरअसल जालान समिति ने इससे पहले कहा था कि रिजर्व बैंक को सोने की ट्रेडिंग करनी चाहिए. इसके बाद इस साल अगस्त से रिजर्व बैंक गोल्ड ट्रेडिंग में एक्टिव हो गया है.
हालांकि आरबीआई ने ट्वीट में बताया कि मीडिया में खबरें आई है कि RBI सोना बेच रहा है और इसमें ट्रेडिंग कर रहा है. यह स्पष्ट किया जाता है कि आरबीआई ने कोई सोना नहीं बेचा है और न ही इसमें ट्रेडिंग की है.
क्या थी जालाना समिति की सिफारिश?
जालान समिति की सिफारिशों के अनुसार RBI को सोने की ट्रेडिंग में तय सीमा से अधिक की कमाई होने पर उसे सरकार से बांट सकती है. आरबीआई ने इस साल अब तक कुल 1.15 अरब डॉलर का सोना बेचा है. रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इसने अपने कारोबारी साल की शुरुआत वाले महीने यानी जुलाई 2019 से 5.1 अरब डॉलर का सोना खरीदा है और लगभग 1.15 अरब डॉलर का सोना बेचा है.
RBI के पास अगस्त के अंत तक 1.987 करोड़ औंस सोना था, 11 अक्टूबर को फॉरेक्स रिजर्व में $26.7 अरब के बराबर सोना था. भारतीय रिजर्व बैंक ने जब जालान कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया है, तब से यह सोने की ट्रेडिंग एक्टिव तरीके से करने लगा है. जालान समिति की सिफारिश में कहा गया है कि RBI को सोने में होने वाला वैल्यूएशन गेन नहीं बल्कि उसकी ट्रेडिंग से हासिल होने वाला प्रॉफिट सरकार के साथ शेयर करना चाहिए.