तमिलनाडु के करूर में अभिनेता विजय की मेगा रैली थी. इसमें लोगों की भीड़ सड़क और आसपास के क्षेत्रों में भारी संख्या में जमा थी. जब रात हो गई और लोगों की भीड़ बढ़ती रही, तो यहां भगदड़ मच गई. लोग इधर-उधर भागने लगे. एक दूसरे को कुचलते हुए सुरक्षित जगह पर जाना चाहते थे. इसी में दबकर अब तक 39 लोगों की मौत की खबर है. घटनास्थल पर झूले, झंडे और पार्टी पोस्टर अभी भी अस्त-व्यस्त पड़े हैं.
रैली स्थल पर जूतियां और चप्पलें बिखरी पड़ी हैं. पोल टूटे पड़े हैं. यहां तमाम कागज बिखरे हैं. पार्टी पॉपर्स के कागज और पानी की बोतलों के टुकड़े चारों ओर बिखरे दिख रहे हैं. सड़क पर आने-जाने वाले लोग सुबह होते ही इस विध्वंस को देखकर दंग रह गए. स्थानीय बुजुर्गों ने कहा कि उन्होंने किसी भी राजनीतिक रैली में इतनी बड़ी संख्या में मौतें नहीं देखीं. उनका मानना है कि युवाओं की उत्सुकता और अधिक नज़दीक जाने की कोशिश इस हादसे की मुख्य वजह थी.
रैली स्थल पर हजारों की संख्या में लोग जमा हुए थे. शुरू में यह कार्यक्रम एक उत्सव और जश्न जैसा था. लेकिन जैसे ही विजय ने मंच पर भाषण शुरू किया, भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई. इस भीड़ में कई लोग सड़क के किनारे बने निचले सीवरेज और झोपड़ियों की तरफ धकेल दिए गए, जिससे कई लोग गिरकर घायल हो गए. कई बच्चे और बुजुर्ग दब गए.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ तब शुरू हुआ, जब लोग ज्यादा नजदीक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे. कुछ लोगों ने टिन शीट और बाड़ हटाने की कोशिश की, जिससे कई लोग गिर गए. भीड़ में फंसे लोग समझ नहीं पाए कि क्या हो रहा है. लोगों ने मदद के लिए चीख-पुकार शुरू कर दी, लेकिन संकरी सड़क और भारी भीड़ के चलते स्थिति और बिगड़ गई.
स्थानीय लोगों ने बताया कि रैली स्थल सुबह तक पूरी तरह अस्त-व्यस्त था. बिखरे जूते-चप्पल, टूटी हुई पोल, फटे झंडे और पोस्टर, पानी की बोतलों के टुकड़े और पार्टी पॉपर्स का कागज चारों ओर पड़ा था. यह दृश्य रैली के बाद की भयावहता को साफ बयां करता है. घटना के बाद घायल और मृतकों के परिवार तुरंत करूर सरकारी अस्पताल पहुंचे. अस्पताल में स्टाफ और पुलिसकर्मी लगातार घायल लोगों को आपातकालीन वार्ड तक ले जा रहे थे.
अस्पताल के बाहर परिजन और रिश्तेदार चीख-पुकार कर रहे थे. 38 मृतकों में 12 पुरुष, 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल थे. घायलों का इलाज जारी है. अस्पताल में तैनात कर्मचारी और पुलिसकर्मी निरंतर हड़कंप और दौड़ते हुए घायल लोगों की मदद कर रहे थे. परिजन घटना से स्तब्ध और मातम में थे. कुछ मांएं और पिता अपने खोए बच्चों के शवों को देखकर बिलख रहे थे. सोशल मीडिया पर मृतकों के परिवारों की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए, जिससे पूरे राज्य में मातम का माहौल बन गया.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन रात के समय करूर पहुंचे और घायलों तथा डॉक्टरों से मुलाकात की. उन्होंने मृतकों के परिवारों को सांत्वना दी और राज्य सरकार की ओर से इलाज और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. प्रशासन ने करूर जिला हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया, ताकि प्रभावित लोग सहायता प्राप्त कर सकें.
करूर रैली भगदड़ एक ऐसी त्रासदी है, जिसने उत्सव का माहौल मातम में तब्दील कर दिया. प्रशासन और पुलिस ने काफी कुछ संभालने की कोशिश की. अभिनेता विजय और राज्य सरकार ने घटना को लेकर शोक-संवेदना व्यक्त की और घायलों की देखभाल का आश्वासन दिया. यह घटना राजनीतिक आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण पर सवाल खड़े कर रही है.
एक युवक भगदड़ में से सुरक्षित बाहर निकल आया, उसने कहा कि कई लोग एक ही समय में निकलने की कोशिश कर रहे थे. इस वजह से कई लोग निचले सीवरेज में धकेले गए और गिरकर घायल हुए. लोग विजय को देखने के लिए जमा होते जा रहे थे. इस दौरान कई ने नहीं समझा कि यह भगदड़ है और लोग गिरने लगे. तमाम लोग भीड़ के पैरों तले कुचले गए. रैली के बाद अभिनेता विजय ने सोशल मीडिया पर संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि मेरा दिल टूट गया है, मैं असहनीय दर्द में हूं. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं और अपने प्रिय भाई-बहनों के लिए शोक व्यक्त करता हूं जो करूर में मारे गए.
PhonePe : फोनपे ऐप से बिना 1 रुपए लगाए रोज कमाएं हजार रुपए, जाने कैसे
