स्व-सहायता समूहों के स्टॉल पर मिल रहे हैं रसायन रहित कृषि उत्पाद
बेडई, भुट्टे का कीस, कोदो की खीर, हर्वल पेय, सहित विभिन्न क्षेत्रों के व्यंजनों का स्वाद एवं मनोरंजन भी
24 अगस्त को भी रहेगा मेला
भोपाल
मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत स्व-सहायता समूहों का दो दिवसीय आजीविका फ्रेश मेला भोपाल हाट में 23 एवं 24 अगस्त को आयोजित किया गया है। मेले का शुभारंभ आज पंचायत एवं ग्रामीण विकासराज्यमंत्री श्रीमती राधा सिंह ने किया। मेले में विभिन्न जिलों से आई स्व-सहायता समूहों की दीदियों द्वारा रसायन रहित एवं जैविक तरीके से उगाये हुये कृषि उत्पादों, दुग्ध उत्पादों सहित अन्य उत्पादों का विक्रय सह प्रदर्शन किया जा रहा है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की राज्यमंत्री श्रीमती राधा सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का शुभारंभ कर उद्वोधन दिया। तत्पश्चात मेला भ्रमण कर समूहों की दीदियों से चर्चा की, उत्पाद देखे,कला प्रदर्शन करने वाली दीदियों का हौसला बढाया तथा व्यंजनों का स्वाद भी चखा। इसके पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन श्रीमती हर्षिका सिंह ने स्वागत उद्वोधन देते हुये मेले के संबंध में जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को वृहद बाजारों से जोडने के लिये अनेक प्रयास आजीविका मिशन द्वारा किये जा रहे हैं। इसी क्रम में स्व-सहायता समूहों का दो दिवसीय आजीविका फ्रेश मेला अरेरा हिल्स पर स्थित भोपाल हाट परिसर में आयोजित किया गया है,मेला प्रात: 11 बजे से रात्रि 09.30 बजे तक चलेगा।
मेले में विभिन्न जिलों से आई ग्रामीण स्व-सहायता समूहों की दीदियों द्वारा स्टॉल लगाये गये हैं, समूहों से जुडेपरिवारों को कम लागत में अधिक उपज हेतु कृषि एवं पशुपालन की उन्नत तकनीकि अपनाने के लिये कृषि सखियों व पशुपालन सखियों द्वारा सहयोग दिया जा रहा है। विशेष रूप से प्राकृतिक पद्धति से रसायन रहित जैविक उत्पाद तैयार करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन प्रयासों के फलस्वरूप समूहों द्वारा रसायन रहित उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं जिन्हें इस मेले में खास तौर से लाया गया है।
इनमें मुख्य रूप से अनाज,दलहन, तिलहन, सब्जियां एवं फल दुग्ध आधारित उत्पादों में देशी गाय एवं गिर गाय का घी, पनीर, सोयाबीन उत्पादों में टोफू, सोयाबडी,
मशरूम आधारित उत्पादोंमेंसूखा मशरूम, अचार, पाउडर, कुकीज, जंगल की शुद्ध शहद, महुआ उत्पादों में महुआ कुकीज, लड्डू , नमकीन महुआ, लघु वनोपज में आंवला कैंडी, मुरब्बा, मिलेट उत्पादों में कोदो, कुटकी, चावल कुकीज, लड्डू, खीर, सहित जैविक खाद,जैविक कीटनाशक, गौ आधारित उत्पादों में गोवर की मूर्ति, दीये, कंडे आदि शामिल हैं। सब्जियों में श्योपुर एवं अलीराजपुर जिले के ककोडे लोगों की पसंद बने हुये हैं।
क्षेत्रीय प्रसिद्ध कृषि उत्पादों में नरसिंहपुर जिले की तुअर (अरहर) दाल एवं गुड, बालाघाट जिले का चिनौरी चावल, सिवनी जिले का जीरा शंकर चावल की खरीददारी तथा क्षेत्रीय खान-पान में मालवा, निमाड, चंबल-ग्वालियर, विंध्य, बुंदेल खण्ड, बघेल खण्ड आदि क्षेत्रों के प्रसिद्ध खान-पान व्यंजनों तथा हर्वल पेय का आनंद इस मेले में लिया जा रहा है।मेले के पहले दिन आद सैलानियों ने दालवाटी-चूरमा, मंगोडे, चटपटी बेडई, भुट्टे का कीस, कोदो-कुटकी की खीर सहित मिलेट के अनेकों व्यंजनों का स्वाद चखा।
कला में रूचि रखने वालों के लिये यहां पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन देखने एवं सीखने का अवसर भी मिल रहा है। यहां धार जिले के सुप्रसिद्ध बाग प्रिंट, जरी-जरदोजी, सहित पिथौरा पेटिंग आदि गोंडी आर्ट को सीखने का मौका भी मिल रहा है।भोपाल शहर एवं आस-पास के क्षेत्रों से मेले में खरीददारी के लिये आने वाले परिवारों के मनोरंजन के लिये सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी व्यवस्था की गई है।