Thursday, September 19, 2024
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छात्रों के पास यूजी, पीजी में प्रवेश लेने का एक और मौका

 

रायपुर

छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (CGVYAPAM) की तरफ से बीएड, डीएलएड और नर्सिंग प्रवेश परीक्षाओं का परिणाम जारी कर दिया गया है। प्रवेश परीक्षाओं में जिन अभ्यर्थियों को अच्छे अंक मिले हैं। जिनका बीएड, डीएलएड और नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश होना तय है। ऐसे विद्यार्थी पहले से यूजी, पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के बाद सीट छोड़ रहे है।

अब नए अभ्यर्थियों को प्रवेश लेने का मौका मिल सकेगा। उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया जून से शुरू कर दी गई थी। बीएड और डीएलएड प्रवेश परीक्षा में लगभग ढाई लाख अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लिए थे।

प्रवेश परीक्षा का परिणाम नहीं आने की स्थिति में विद्यार्थी बीए, बीएससी, बीकॉम समेत अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले लिया था, ताकि वर्ष खराब न हो। बीएड, डीएलएड में प्रवेश पक्का होने की स्थिति में वो अब वो अपना प्रवेश रद करवा रहे हैं। इससे जो विद्यार्थी प्रवेश लेने से चूक गए हैं, उनके पास प्रवेश लेने का मौका है।

उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से भी प्रवेश तिथि को बढ़ा दिया गया है। खाली सीटें रहने पर कॉलेज, विश्वविद्यालय ऑफलाइन 14 सितंबर तक प्रवेश दे सकते हैं। उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से पहले प्रवेश की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी, जिसमें बढ़ाकर 16 अगस्त कर दिया गया था। फिर भी बड़ी संख्या में सीटें खाली रहने पर विभाग की तरफ से प्रवेश तिथि बढ़ाई गई है।

यूजी प्रथम वर्ष में सेमेस्टर परीक्षाएं
यूजी प्रथम वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू है। इसके अनुसार वार्षिक की जगह अब कॉलेजों की परीक्षाएं सेमेस्टर में होगी। उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से जारी शैक्षणिक कैलेंडर के मुताबिक यूजी प्रथम वर्ष की सेमेस्टर की परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित है।

लेकिन 14 सितंबर तक प्रवेश होने की स्थिति में नवंबर-दिसंबर में सेमेस्टर परीक्षाएं होना संभव नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक सेमेस्टर परीक्षाएं दिसंबर-जनवरी में हो पाना संभव है। एनईपी लागू होने की वजह से अब छात्रों को आतंरिक मूल्यांकन के भी नंबर देना है। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन मासिक परीक्षाएं लेगा।

पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में 16 हजार यूजी सीटें खाली
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में बीए, बीएससी बीकॉम समेत अन्य यूजी पाठ्यक्रमों में लगभग 16 हजार सीटें खाली है। विश्वविद्यालय से संबद्ध 150 कालेजों में लगभग 49 हजार यूजी सीटें हैं, इनमें लगभग 36 हजार सीटों में प्रवेश हुआ है।

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