नई दिल्ली। अयोध्या राम जन्मभूमि के मुकदमें की सुनवाई के लाइव प्रसारण या आडियो रिकार्डिग कराए जाने की मांग पर प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी। शुक्रवार को जस्टिस आरएफ नारिमन व सूर्यकांत की पीठ ने आरएसएस विचारक गोविन्दाचार्य की याचिका को मुख्य न्यायाधीश की पीठ में सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया जो कि अयोध्या मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
गोविन्दाचार्य की याचिका
सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ आजकल अयोध्या राम जन्मभूमि मालिकाना हक के मुकदमें की सुनवाई कर रही है। गोविन्दाचार्य ने याचिका दाखिल कर इस मुकदमें के लाइव प्रसारण या आडियो रिकार्डिग करा कर बाद में ट्रांसक्रिप्ट जारी किये जाने की मांग की है।
लाइव प्रसारण
गोविन्दाचार्य की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह सुप्रीम कोर्ट के पिछले वर्ष के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि उसमें कोर्ट ने महत्वपूर्ण संवैधानिक महत्व के मामलों की सुनवाई के लाइव प्रसारण की बात कही थी।
संवेदनशील है अयोध्या मामला
कोर्ट ने कहा था कि इससे पारदर्शिता आएगी। याचिकाकर्ता ने कहा कि यह मामला बहुत महत्वपूर्ण है। सभी लोग इस मुकदमें की सुनवाई के बारे में जानना चाहते हैं। उनकी दलीलों पर पीठ ने कहा कि उस फैसले में संवेदनशील मामलों को बाहर रखा गया है। अयोध्या मामला भी संवेदनशील है। विकास सिंह ने कहा कि यह मुकदमा राष्ट्रीय महत्व का है।
दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले को प्रधान न्यायाधीश की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले को मुख्य न्यायाधीश ही सुनेंगे क्योंकि वही अयोध्या मामला सुन रहे हैं।