Johar36garh (Web Desk)| हरियाणा सरकार में आईएएस अधिकारी रानी नागर ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने फेसबुक पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि मैं रानी नागर पुत्री श्री रतन सिंह नागर निवासी ग़ाज़ियाबाद गाँव बादलपुर तहसील दादरी ज़िला गौतमबुद्धनगर आप सभी को सूचित करना चाहती हूँ कि मैंने आज दिनाँक 04 मई 2020 को आई. ए. एस. के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। मैं व मेरी बहन रीमा नागर माननीय सरकार से अनुमति लेकर चंडीगढ से अपने पैतृक शहर ग़ाज़ियाबाद वापस जा रहे हैं। हम आपके आशीर्वाद व साथ के आभारी रहेंगे।
मैं रानी नागर पुत्री श्री रतन सिंह नागर निवासी ग़ाज़ियाबाद गाँव बादलपुर तहसील दादरी ज़िला गौतमबुद्धनगर आप सभी को सूचित करना चाहती हूँ कि मैंने आज दिनाँक 04 मई 2020 को आई. ए. एस. के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। मैं व मेरी बहन रीमा नागर माननीय सरकार से अनुमति लेकर चंडीगढ से अपने
— Ias Rani Nagar (@ias_raninagar) May 4, 2020
बता दें कि 2014 बैच की आईएएस अधिकारी मूल रूप से उत्तर प्रदेश की निवासी हैं। गत 23 अप्रैल को अपने फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट डाली थी, जिससे अफसरशाही में हलचल मच गई थी। वह दिसंबर 2019 से बहन के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 311 में किराए पर रह रही हैं।
रानी ने 17 अप्रैल को अपने फेसबुक वॉल पर एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें उन्होंने व रीमा नागर ने जान को खतरा बताते हुए लोगों से अपील की थी। रानी जून 2018 में पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते तत्कालीन एसीएस सुनील गुलाटी पर उत्पीड़न के आरोप लगाकर सुर्खियों में आई थीं।
उन्होंने सीएम व मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा था। रानी 14 नवंबर 2018 से अतिरिक्त निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता व 7 मार्च 2020 से निदेशक अर्काइव का जिम्मा संभाल रही थीं।
— Ias Rani Nagar (@ias_raninagar) May 4, 2020
- रानी नागर ने पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते हुए तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सुनील गुलाटी पर दुर्व्यवहार व उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। मामला सीएम तक पहुंचा था। गुलाटी आरोपों को नकार चुके हैं। उन्होंने सरकार को भी जवाब दे दिया था।
- एक कैब ड्राइवर पर भी बदतमीजी का आरोप लगा चुकीं।
- डबवाली में एसडीएम रहते हुए भी अपनी जान को खतरा बताया था। डीजीपी को शिकायत दी थी।
- सुरक्षा न मिलने का मुद्दा भी रानी नागर उठा चुकी हैं।
आईएएस सुनील गुलाटी केंद्र में प्रतिनियुक्ति से हरियाणा लौटने के बाद खुड्डेलाइन पोस्टिंग पर ही रहे हैं। प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी, पशुपालन एवं डेयरी, मत्स्य पालन व हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड विभाग ही उनके पास रहे। आईएएस की ताकतवर लॉबी उनके खिलाफ है। वह सरकार को भी फूटी आंख नहीं सुहाते। गुलाटी वर्तमान में मुख्य सचिव के बाद सबसे वरिष्ठ आईएएस हैं लेकिन न तो उन्हें वित्तायुक्त लगाया गया, न ही अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। मुख्य सचिव बनने की उनकी राह में भी रोड़े अटकाए जा रहे हैं।