Monday, December 16, 2024
spot_img

तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन, 73 साल की उम्र में सैन फ्रांसिस्को में ली अंतिम

 सैन फ्रांसिस्को

दुनियाभर में शास्त्रीय संगीत में भारत को अलग पहचान दिलाने वाले उस्ताद और मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन अब हमारे बीच नहीं रहे। 73 साल की उम्र में जाकिर हुसैन का निधन हो गया। जाकिर हुसैन ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में आखिरी सांस ली। जाकिर हुसैन फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज थे। जिसके चलते उन्हें दिल से जुड़ी समस्याएं पैदा हुईं। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां हार्ट से जुड़ी समस्याओं के कारण उनकी मौत हो गई।

 रिपोर्ट की मानें को जाकिर हुसैन के परिवार ने एक बयान में कहा कि उन्हें 'इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस' नामक एक दुर्लभ फेफड़ों की बीमारी थी, जिसकी वजह से कॉम्प्लिकेशन आने लगे थे।

इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (IPF) क्या है?

इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। आप सांस लेते हैं तो ऑक्सीजन हमारे फेफड़ों में छोटी-छोटी हवा की थैलियों से होते हुए खून में जाता है और फिर यहां से शरीर के सभी अंगों को मिलता है। लेकिन आईपीएफ होने पर फेफड़ों के भीतर निशान ऊतक बढ़ने लगते हैं। जिससे सांस लेना मुश्किल होने लगता है। उम्र के साथ ये समस्या और भी खराब होने लगती है। इससे फेफड़ों के जरिए खून में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। जिससे आपके शरीर के दूसरे अंग ठीक से काम नहीं कर पाते हैं।

इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षण और इलाज

आपको बता दें इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस का कोई इलाज नहीं है इस सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है। स्थिति गंभीर होने पर लंग ट्र्रांसप्लांट का विकल्प होता है। धीरे धीरे फेफड़ों में ऊतक बढ़ने लगते हैं और फेफड़ों में जख्म जैसे हो जाके हैं। जिसकी वजह से आपको सीने में दर्द या जकड़न, पैर में सूजन, भूख में कमी, गले में खराश, खांसी, थकान महसूस होना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, वजन घटना और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। अगर आप किसी दूसरी बीमारी से पीड़ित हैं तो मुश्किलें और बढ़ने लगती हैं।

Related Articles

- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img

Latest Articles