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आलू ने ले ली पिता, मां, भाई और दादी की जान, अनाथ हो गई 8 साल की बच्ची

दुनिया भर में कई अजीबोगरीब घटनाएं घटती हैं। यह विश्वास करना कठिन है। आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें आलू के कारण एक पूरे परिवार की मौत हो गई। यह सब कैसे हुआ, यह जानकर आप हैरान रह जाएंगे। यह घटना रूस की है। जब 8 साल की मासूम बच्ची को आलू की वजह से अनाथ होना पड़ा. दरअसल, आलू की वजह से लड़की के पूरे परिवार की मौत हो गई. जो दुनिया की सबसे अनोखी और अनोखी घटना है। आपको बता दें कि आलू से निकली जहरीली गैस ने बच्ची के पिता, मां, भाई और दादी की जान ले ली.

यह जहरीली गैस सड़े हुए आलू से निकली थी। कहा जाता है कि इस परिवार ने सर्दी के मौसम में अपने घर के बेसमेंट में आलू जमा कर रखे थे। लेकिन आलू इतने सड़ गए कि उनमें जहरीली गैस बन गई और परिवार का हर सदस्य जब तहखाने में गया तो वे गैस के कारण बेहोश हो गए और वहीं उनकी मौत हो गई. पड़ोसियों और पुलिस ने यह भी कहा कि बेसमेंट में रखे आलू के बुरी तरह सड़ने से पूरे परिवार की मौत हो गई. इससे निकलने वाली गैस बेसमेंट में बुरी तरह फैल गई थी।

आपको बता दें कि आलू में ग्लाइकोकलॉइड नामक जहरीले यौगिक होते हैं। यह सोलनिन और चाकोनीन का सबसे आम रूप है। हल्के हरे आलू जो लंबे समय से बचे हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं या किसी तरह से कटे हुए हैं, ग्लाइकोकलॉइड को बढ़ाते हैं। यह कीड़ों, बीमारी और अन्य शिकारियों के खिलाफ पौधे की रक्षा प्रणाली का एक तरीका है। यदि ग्लाइकोकलॉइड का स्तर बढ़ता है, तो इसे एक संकेत माना जाता है और यदि इसका स्तर बढ़ता है, तो यह मनुष्यों के लिए विषाक्त हो जाता है। इससे आलू जहरीला हो जाता है और इसकी गैस ही इंसान की जान ले लेती है।

आपको बता दें कि आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है, लेकिन आलू में ऐसे जहर की मौजूदगी कई लोगों का दिल तोड़ सकती है। अगर आप भी आलू खाने के शौकीन हैं तो आप इस बात का भी खास ख्याल रखें कि आलू या कोई और सब्जी ज्यादा पुरानी या सड़ी न हो। अगर आप भी सब्जियों को स्टोर करना चाहते हैं तो उन्हें फ्रिज में या धूप वाली जगह पर रखें। यदि सब्जियां धूप और हवा के संपर्क में आती हैं, तो उन पर कीटाणु नहीं पनपेंगे और वे आपके स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।

मां ने तीन मासूमों को बक्से में बंदकर जिंदा जलाकर मार डाला, खुद भी दे दी जान

Johar36garh (Web Desk)| गिरिडीह जिले के राजधनवार में मंगलवार सुबह मां ने तीनों बच्चों को बक्से में बंद कर उसे कपड़े के साथ आग लगाकर मार डाला। इसके बाद खुद के शरीर में आग लगा ली। मां की भी स्थानीय रेफरल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। गोतनी से दूध लेने-देने को लेकर हुआ था विवाद। हालांकि मृतका के पिता ने कहा है कि उनकी बेटी और बच्चों की जलाकर हत्या की गई है।मृतक बच्चों में दो पुत्र क्रमशः आठ और एक व पुत्री पांच साल की थी। हादसे के समय महिला का पति खेत में गया था हल लेकर। पुलिस मौके पर पहुंची। किसी बात को लेकर महिला के भैंसुर ने उसके मायकेवालों को पंचायत के लिए बुलाया था। इस बात से महिला नाराज थी। हादसे के बाद गांव के लगभग लोग घर छोड़कर फरार।

यह घटना गिरिडीह के राजधनवार की है। ग्रामीणों ने बताया कि महिला का घर में दूध लेने-देने को लेकर विवाद हुआ था। इसी बात पर घर में झगड़े भी हुए। पड़ोसियों के मुताबिक इस बात पर पंचायत भी बैठी थी। जिसमें महिला के मायके से भी लोगों को बुलाया गया था। अपने घर से लोगों को बुलाए जाने से महिला नाराज चल रही थी।

मंगलवार सुबह जब उसका पति खेत में काम करने गया तो महिला ने दो बेटो और एक बेटी को बक्से में बंद करके आग लगा दी। इसके बाद भी खुद को भी आग लगा दी। चीख पुकार सुन कर लोग पहुंचे और किसी तरह आग बुझाई। महिला को पास के अस्पताल में ले जाया गया जहां इलाज के दौरान महिला ने भी दम तोड़ दिया।

जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू कर दी है। वहीं जब इस बात की जानकारी महिला के परिजनों को हुई तो इस घटना को हत्या करार दिया। उनका कहना है कि उनकी बेटी इस तरह की वारदात नहीं कर सकती। मामले की सही तरीके से जांच होनी चाहिए।