छत्तीसगढ़ जांजगीर जिले के जैजैपुर तहसीलदार के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है | ग्रामीणों ने तहसीलदार की शिकायत कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक कर दी है| ग्रामीणों ने तहसीलदार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है| उन्होंने कहा की बिना पैसे दिए जमीन की जानकारी नहीं दी जाती है।
जैजैपुर हंसल एकेडमी के संचालक सुरेश साहू ने अपने शिकायत में लिखा हैं कि अपने जमीन की बी1 खसरा की नकल निकलवाने ओ तहसील कार्यालय गए थे जहां ऑपरेटर ने उन्हें दो दिन बाद आने को कहा तो वही ऑपरेटर द्वारा पैसे लेकर दूसरे का तुरंत बी 1 खसरा उपलब्ध करा दिया। सुरेश साहू द्वारा इसका विरोध किया गया एवं अपनी शिकायत लेकर तहसीलदार चंद्रशिला जायसवाल के पास गए। जहां तहसीलदार द्वारा अपने घुस खोर कर्मचारी पर कार्रवाही करने के बजाय शिकायतकर्ता को ही चेम्बर से बाहर चले जाने को कहा गया। शिकायतकर्ता के अनुसार जब ओ अपनी शिकायत सुनने तहसीलदार से निवेदन किया तो ओ और भड़क गई। और शिकायतकर्ता को अनपढ़ ग्वार तक कह दिया। जिसका वहाँ मौजूद लोगों ने भी विरोध किया जिसके बाद तहसीलदार ने पुलिस बुला लिया। जैजैपुर पुलिस द्वारा मामले को शांत कराया गया। बात यही नही रुकी जैजैपुर तहसीलदार ने सुरेश साहू सहित 10 अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज करा दिया। जिसके बाद सुरेश साहू ने भी मामले की निष्पक्ष जांच करने एवं अपने पद का दुरुपयोग करने वाले तहसीलदार पर कार्रवाही की मांग को लेकर कलेक्टर एसपी डीजीपी मुख्यमंत्री सहित राज्यपाल को शिकायती पत्र भेजा हैं। इस पूरे मामले की नगर में खूब चर्चा हो रही हैं। शिकायत लेकर गए लोगों पर एफआईआर दर्ज करने वाली तहसीलदार के खिलाफ विरोध भी शुरू हो गया हैं। लोगों का कहना हैं कि शिकायत पर कार्रवाही करने के बजाय उल्टा शिकायतकर्त्ता पर एफआईआर दर्ज करा देना गलत हैं। तो वही क्षेत्र के लोग दहशत में हैं। और अपनी शिकायत लेकर तहसीलदार के पास जाने से कतरा रहे हैं। लोग डर रहे हैं की कही उनके किसी बात को लेकर तहसीलदार को गुस्सा आ गया तो उनके खिलाफ भी एफआईआर करा न दे। तहसीलदार के इस रवैये के खिलाफ लोग अब आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं।