छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में तनाव के हालात हैं। कोतवाली थाना क्षेत्र में एक युवक की आत्महत्या के मामले को लेकर लोगों ने शुक्रवार को भी जमकर प्रदर्शन और हंगामा किया। शुक्रवार को जब मृतक युवक का शव जिला चिकित्सालय से उसके गांव भेजा जा रहा था उस दौरान ग्रामीणों का गुस्सा पुलिसवालों पर फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने पुलिस टीम पर बीच जमकर पत्थरबाजी की। वहीं, पुलिसकर्मी आम लोगों से बचने भागते नजर आये।
बलरामपुर जिले में इस घटना के बाद महिलाओं ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की। इस दौरान ग्रामीण महिलाओं ने एडिशनल एसपी व महिला आरक्षकों पर पत्थरों से हमला भी दिया। भीड़ को कंट्रोल करने पहुंची एएसपी निमिषा पांडे पर भी महिलाओं ने हमला कर दिया। इस दौरान एक महिला उनको चप्पल से भी मारती नजर आई है। हमला और पथराव के दौरान भाग रही निमिषा पांडेय दो बार गिर गईं और घायल हो गई।
गांव वालों का आरोप है कि पुलिस शव को जबरदस्ती लेकर जा रही है। जिसके बाद अस्पताल चौक पर ग्रामीणों और पुलिस के बीच विवाद शुरू हो गया। पुलिस अधिकारी स्थिति को संभालने के प्रयास में लगातार समझाइश देते रहे लेकिन ग्रामीण नहीं माने। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद परिजन और ग्रामीण शव को लेकर रवाना हुए।
क्या है मामला?
दरअसल, बलरामपुर जिले में गुरुवार को एक युवक को पुलिस पूछताछ के लिए थाने लेकर आई थी। थाने के टॉयलेट में उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद स्थानीय लोगों ने थाने में हंगामा शुरू कर दिया। मृतक एनएचएम में स्वास्थ्य कर्मी था। युवक की मौत के बाद जिला मुख्यालय को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। घटना के बाद, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, एसपी और कलेक्टर बंगले सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर बैरिकेडिंग लगाकर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने लोगों से शांति की अपील की है।
पुलिस ने की कार्रवाई
सरगुजा आईजी अंकित गर्ग ने भी हालात का जायजा लिया। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने बलरामपुर कोतवाली के थाना प्रभारी प्रमोद रुसिया और आरक्षक अजय यादव को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है।