Friday, November 22, 2024
spot_img

मामले को दबाने पर थानेदार को शोकाज नोटिस, एसपी के फटकार के बाद लिखी रिपोर्ट 

भिलाईनगर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार यादव के तेवर और नाराजगी के बाद जामुल थाना प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण कुमेटी ने आनन फानन मे पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बावजूद मर्ग की डायरी को दबा कर रखने के आरोप में एसएसपी ने थाना प्रभारी को शोकॉज नोटिस जारी करते हुए लिखित में पूछा है कि, क्यों न तुम्हारे खिलाफ वेतन वृद्धि रोकर विभागीय जाँच शुरू कर दी जाये। एसएसपी के मुताबिक थानेदार के खिलाफ विभागीय जाँच भी की जायेगी। 12 अगस्त को एसीसी कॉलोनी में महिला और उसके दो बच्चों के मौत के बाद मर्ग कायम किया गया था किन्तु 5 साल की बच्ची की मौत में पीएम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या किये जाने की बात लिखी गई थी।

उसके बावजूद थाना प्रभारी लम्बे समय से पोस्टमार्टम रिपोर्ट को दबाकर बैठे थे। इस मामले में जामुल के तत्कालीन थाना प्रभारी ने तीन-तीन सदस्यों की मौत की घटना के बाद भी घर की तलाशी लेने में एक महीने तक लापरवाही की है। 13 अगस्त को तीनों मृतकों के अंतिम संस्कार के बाद पुलिस ने घर के तलाशी लेने की बजाय घर की चाबी मृतिका के पति को देकर अपनी इतिश्री कर ली थी। अंतिम संस्कार के पश्चात घर स्वामी आगे की क्रियाकर्म के लिए घर में ताला लगाकर अपने गृह नगर बिहार रवाना हो गये थे और लगभग एक माह के पश्चात उनकी भिलाई वापसी हुई थी लेकिन उसके बाद भी जामुल पुलिस ने इतने बड़े संवेदनशील मामले में घर की तलाशी लेना भी उचित नहीं समझा था। एसएसपी की फटकार के बाद जामुल थाने में 14 नवंबर को अपराध क्रमांक 628/2019 भादवि की धारा 302 के तहत 5 साल की बच्ची की मौत के मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।

ज्ञातव्य हो कि, 12 अगस्त को एसीसी कॉलोनी के डी 11 बंगले में रहने वाले इंजीनियर रंजीत सिंह की पत्नी मीरा सिंह, बेटे प्रत्युश व 5 साल की बेटी सुप्रिया सिंह की लाश घर में पड़ी हुई थी। दोपहर 12 बजे सूचना पर रंजीत सिंह और पुलिस टीम बंगले पर पहुँची जहाँ बड़ा ही दर्दनाक दृश्य था मकान स्वामी की पत्नी जहाँ फाँसी पर लटकी हुई थी वहीं दोनों बच्चों की लाश बेडरूम में पड़ी हुई थी। पुलिस ने मर्ग क्रमांक-49/2019 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर पीएम के पश्चात लाश परिजनों को सौंप दिया था। 13 अगस्त को अंतिम संस्कार किया गया। घटना के समय तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीगण घटना स्थल पर पहँुचे थे किन्तु किसी भी अधिकारी ने उस समय पूरे घर की तलाशी लेना उचित नहीं समझा था और ना ही तत्कालीन जाँच अधिकारी उप निरीक्षक जामुल थाना प्रभरी डी.एस.मंडावी ने घर की तलाशी लेना उचित समझा। घर से शव को मच्र्युरी भेजने के बाद कमरों को सील कर दिया गया था।

13 अगस्त को उप निरीक्षक मंडावी ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दिये बगैर घर का सील खोलकर घर मकान स्वामी रंजीत सिंह के हवाले कर दिया। इस दौरान भी उस कमरे की बारिकी से पुलिस ने तलाशी लेना भी उचित नहीं समझा था। संवेदनशील मामलों की केस डायरी के अवलोकन के दौरान वरि.पुलिस अधीक्षक अजय कुमार यादव ने यह महसूस किया कि, पीएम रिपोर्ट आने के बावजूद हत्या का मामला पुलिस द्वारा दर्ज न करना घोर लापरवाही है। वरि.पुलिस अधीक्षक ने तत्काल जामुल थाना प्रभारी को शोकॉज नोटिस जारी कर पीएम रिपोर्ट होने के बावजूद अब तक हत्या का प्रकरण क्यों नही दर्ज किया गया है, इसका कारण पूछा है।

Related Articles

- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img

Latest Articles