जांजगीर जिला के पामगढ़ में सरपंच-सचिव की जुगल बंदी ने शासन को लाखों रुपए का चूना लगा दिया | मामले खुलासा पंचों के लगाए गए सूचना के अधिकार से हुआ | एसडीएम से शिकायत के बाद सरपंच-सचिव को 21 अक्टूबर को तलब किया है | इससे पूर्व भी ऐसे ही आरोपों के चलते सरपंच को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था | हालंकि की नतीज़ा बराबर होने के कारण कुर्सी बच गई थी | मामला ग्राम पंचायत पचरी का है|
ग्राम पंचायत पचरी की सरपंच श्रीमती माया देवी यादव और सचिव अरविन्द शर्मा ने पंचों को हमेशा गुमराह में रखा, ग्रामीणों ने जब सूचना के अधिकार के तहत रोकड़ बहीखाता और पासबुक की सत्यापित प्रति मांगी गई तब इस बात का खुलासा हुआ | जिसके बाद पंचों ने पामगढ़ एसडीएम आरके तम्बोली से 8 बिन्दुओं में लिखित में शिकायत कर कार्यवाही की मांग की| जिस पर उन्होंने सरपंच-सचिव को 21 अक्टूबर को तलब किया है|
पंचों ने शिकायत में बताया है की 14 वें व 15 वें वित्त की राशि, मूलभूत की राशि और शासन के विभिन्न योजनाओं से प्राप्त अनुदान की राशि को निकाल लिया गया | लेकिन किस राशि को किस मद में खर्च किया है, किसे कितनी मजदूरी दी गई है | इसका उल्लेख कही नहीं किया है | जो की ग्राम पंचायत की धारा 39 का उलंघन है|
प्राप्त दस्तावेज में पाया गया की पंचायत की राशि को सरपंच-सचिव के अलावा पूर्व सरपंच, अन्य ग्राम पंचायत के सरपंच व एक अन्य व्यक्ति का नाम पैसे निकालने वालों में शामिल है | इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की भ्रष्टाचार किस हद तक की गई है |



