जबलपुर
कंफर्म टिकट वालों के आलावा बेटिकट और वेटिंग वालों ने की बढ़ती भीड़ को कम करने के लिए रेलवे बोर्ड ने अपने 2015 के आदेश को दोहराते हुए इसका सख्ती से पालन करने कहा। इस आदेश में बोर्ड ने स्पष्ट किया कि ट्रेन के स्लीपर, एसी कोच में न तो वेटिंग टिकट लेकर यात्रा की जा सकती है और न ही बिना टिकट। टिकट जांच दल ने ऐसे यात्रियों से गंतव्य तक का किराया और जुर्माना न लिया जाए, बल्कि जांच के दौरान अगले स्टेशन तक का किराया-जुर्माना लेकर वहां उतार दिया जाए।
हर दिन ऐसे लगभग 110 से 130 यात्री ट्रेन से उतारे जा रहे
जबलपुर रेल मंडल ने 15 जून से इस आदेश का सख्ती से पालन किया तो न सिर्फ यात्रियों की भीड़ में 20 से 30 फीसद की कमी आई, बल्कि बिना टिकट और वेटिंग टिकट लेकर यात्रा करने वालों से होने वाली कमाई में भी 30 से 40 फीसद की कमी आ गई है। मंडल में जबलपुर, कटनी, सतना, सागर और दमोह में हर दिन ऐसे लगभग 110 से 130 यात्री ट्रेन से उतारे जा रहे हैं।
पिछले तीन माह में ट्रेनों में अतिरिक्त भीड़ बढ़ी है। इसको लेकर न सिर्फ मंडल, बल्कि रेलवे जोन और बोर्ड चिंतित है। भीड़ को कम करने के लिए टिकट जांच दल से कहा गया है कि वे बिना टिकट और वेटिंग टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों की गंतव्य तक टिकट न बनाएं, बल्कि अगले स्टेशन की टिकट बनाकर उन्हें वहां उतारें। इस निर्णय से ट्रेनों में भीड़ और आय, दोनों में कमी आई है।
सख्ती से पालन किया तो घट गई आय
रेलवे बाेर्ड के आदेश का सख्ती से पालन करने के निर्देश जबलपुर समेत देशभर के सभी रेल मंडल और जोन को दिए गए हैं। इस आदेश के पालन की वजह से जबलपुर रेल मंडल की आय 30 से 40 फीसदी की कमी आई है। मई माह में मंडल की आय प्रतिदिन औसतन 22 से 24 लाख रुपये थी, जून में यह 14 से 16 लाख प्रति दिन तक पहुंच चुकी है। वहीं जुलाई के पहले सप्ताह की आय में भी 30 से 35 फीसदी की कमी आई है। यही हालात रहे तो बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्री से जुर्माने से वसूली की जाने वाली आय में 50 से 60 फीसदी तक की कमी आएगी।
गंतव्य की जगह, अगले स्टेशन पर उतारे यात्री
जबलपुर रेल मंडल में रेलवे बोर्ड के आदेश पर सख्ती के पालन के निर्देश दिए हैं। इसका असर यह हुआ है कि जबलपुर रेल मंडल हर दिन बिना टिकट यात्री करने वाले और वेटिंग टिकट पर यात्रा करने वाले, दोनों को गंतव्य की जगह अगले रेलवे स्टेशन पर उतार रहा है।
सबसे ज्यादा यात्री वेटिंग टिकट लेकर यात्रा करने वाले
जबलपुर मंडल में हर दिनों ऐसे यात्रियों की संख्या करीब 110 से 130 हैं। इनमें जबलपुर में हर दिन औसतन 30, कटनी में 30, सतना में 20, सागर में 20, नरसिंहपुर में 30 उतारे जा रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा यात्री वेटिंग टिकट लेकर यात्रा करने वाले हैं।
भीड़ बढ़ी तो हकीकत आई सामने
दरअसल रेलवे विशेषज्ञ ट्रेनों में भीड़ बढ़ने की वजह पर अध्ययन कर रहे हैं। इस दौरान तीन बड़े कारण नजर आए हैं।
पहला- कोरोना काल के बाद ट्रेन में सफर करने वाले यात्री घटे, लेकिन संख्या बढ़ी।
दूसरा – रेलवे ने स्लीपर और जनरल कोच कम कर, एसी कोचों की संख्या बढ़ाई
तीसरा- काउंटर से ली गई आरक्षित टिकट में सफर करने की अनुमति देना है।
इन ट्रेनों में यात्री ज्यादा उतारे
रीवांचल एक्सप्रेस
अमरावती एक्सप्रेस
जनशताब्दी एक्सप्रेस
गोंडवाना एक्सप्रेस
जनता एक्सप्रेस
चित्रकूट एक्सप्रेस
साकेत एक्सप्रेस
पवन एक्सप्रेस
काशी एक्सप्रेस
गोदान एक्सप्रेस