प्रेमिका के आगे झुका परिवार, 14 घंटे ड्रामा के देर रात मंदिर में हुई शादी, 8 किमी पैदल चलकर पहुंची थी प्रेमी के घर  

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कन्नौज जिले के तालग्राम में जाति बंधन, परिवार की बंदिशें और समाज का डर जब खत्म हो गया तो युवती आठ किलोमीटर पैदल चलकर प्रेमी से मिलने उसके घर पहुंची। इसके बाद युवती शादी की बात पर अड़ गई। यह मामला पुलिस तक पहुंच गया। इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर बच्चों की खुशी के बारे में सोचने के लिए कहा। पुलिस के समझाने के बाद दोनों पक्ष राजी हो गए। बुधवार को बैंड बाजा न बरात के दोनों ने मंदिर में सात फेरे लिए।

गुरसहायगंज कोतवाली के एक गांव निवासी 20 वर्षीय युवती की तालग्राम थाना के खबरामऊ गांव निवासी सूरज पटेल से डेढ़ वर्ष पहले फेसबुक पर जान-पहचान हो गई। धीरे-धीरे दोनों में बातचीत होने लगी। बातचीत प्यार में बदल गई। दोनों अक्सर मिलने भी लगे। इसी दौरान दोनों ने शादी करने का मन बना लिया, लेकिन जाति एक नहीं थी। युवक के दूसरी जाति के होने के कारण युवती के परिजन शादी को राजी नहीं थे।

इससे परेशान युवती मंगलवार सुबह प्रेमी से मिलने आठ किलोमीटर पैदल चलकर उसके घर पहुंच गई। युवक के परिजनों ने युवती के घरवालों को जानकारी दी। माता-पिता ने पुत्री को समझाया, लेकिन वह घर जाने को तैयार नहीं हुई और पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाया, जिसके बाद दोनों परिवार शादी को राजी हो गए। बुधवार सुबह दौलत धाम मंदिर में शादी की रस्में पूरी की गई और बिना बैंड बाजा व बरात के शादी हो गई। चौकी प्रभारी राममनोज द्विवेदी ने बताया कि मामला संज्ञान आया था। दोनों बालिग हैं।

14 घंटे चला ड्रामा, फिर माने परिजन
युवती को घर में देखकर युवक के घरवाले चकित हो गए। जानकारी पर युवती के परिजन भी आ गए और उन्होंने शादी से इन्कार कर दिया। 14 घंटे तक ड्रामा चलता रहा, तब जाकर युवती की जिद के आगे परिजनों को झुकना पड़ा। रात में दोनों पक्ष शादी को राजी हो गए। मंदिर में शादी की औपचारिकताएं पूरी हुई और पूरे गांव ने प्रेमी युगल को दांपत्य जीवन में बंधने की बधाई दी।