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विवाह की पूर्ण तैयारी हो चूकी थी हल्दी मेंहदी रस्म हो चुके थे बारात जिला मुंगेली निकलने की तैयारी के दौरान ही सूचना प्राप्त होने पर तत्काल विभाग के अधिकारी कर्मचारी द्वारा बालक एवं उसके माता-पिता एवं स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया साथ ही जिला मुगेंली में बालिका के निवास स्थान पर जांच किये जाने हेतु समन्वय किया गया एवं समझाईस के पश्चात स्थानीय लोगों की उपस्थिति में बालक के माता-पिता की सहमति से बालक का विवाह रोका गया है। दल में जिला बाल संरक्षण इकाई से श्री अमित कुमार भोई आउटरीच वर्कर, चाईल्ड लाईन जांजगीर से टीम मेम्बर जोहित कुमार कश्यप, श्री भूपेश कश्यप, महिला पर्यवेक्षक श्रीमती गिरिजा धिरही, श्रीमती लक्ष्मी सारथी, पुलिस विभाग से सुनिल कुमार टैगोर सरपंच श्री रामनाथ भारद्वाज का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।
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ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, टेंट प्रभारी डीजे साउड/धुमाल प्रभारी, भोजन बनाने वाले रसोइया हलवाई, केटरिन प्रभारी, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। अधिनियम के तहत 02 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 01 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।