फतेहपुर : भारतीय रंगमंच और फिल्मी दुनिया में चर्चित फतेहपुर के सलीम आरिफ को रंगमंच निर्देशन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यो के लिए वर्ष 2009 का उप्र संगीत नाटक अकादमी सम्मान दिए जाने की घोषणा की गई है। उन्होंने ने जागरण से दूरभाष में बातचीत में कहा कि आल्हा व नौटंकी प्रदेश की ऐसी विधा है जो रंगमंच में सदैव जीवंत रहेगी। रंगमंच के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत है। समाज व सरकार के संयुक्त प्रयास से इसे गति दी जा सकती है।
नगर के मसवानी मोहल्ला में बड़ा शिवाला के ठीक सामने रहने वाले पत्रकार मो. शमीम के मकान में सलीम आरिफ के पिता मो. आरिफ हुसैन किराये पर रहते हैं। वह सिंचाई विभाग फतेहपुर में इंजीनियर थे। सलीम राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से 1984 बैच के पासआउट हैं और मुंबई स्थित एशिया के प्रमुख फिल्म स्कूल व्हिसलिग वुड्स इंटरनेशनल में डिपार्टमेंट ऑफ कल्चरल स्टडीज के प्रमुख हैं। मूल रूप से कानपुर के घाटमपुर निवासी सलीम ने बताया कि मेरा जन्म फतेहपुर में हुआ। जब कोई पूछता है कि फतेहपुर को भूल तो नहीं गए तो उन्हें बुरा लगता है। भला कोई अपनी जन्मभूमि को कैसे भूल सकता है। मुझे घर-द्वार सब कुछ याद है। फतेहपुर मेरी पहचान है। अवॉर्ड भी जिले के हिस्से का ही है।
रंगमंच से इतर दूरदर्शन पर बेहद चर्चित रहे श्याम बेनेगल के धारावाहिक भारत एक खोज, गुलजार के मिर्जा गालिब व डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी के चाणक्य ने सलीम को पीरियड फिल्म डिजाइनर के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। बतौर फिल्म डिजाइनर केतन मेहता की सरदार पटेल, गुलजार की माचिस और हू-तू-तू, गोविद निहलानी की तक्षक और अनिल शर्मा की अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों जैसी फिल्में शामिल हैं। अनिल शर्मा की गदर और मणिरत्नम की गुरु फिल्म में वह सलाहकार रह चुके हैं। एक चैनल के लोकप्रिय शो मरियम खान रिपोर्टिग लाइव में क्रिएटिव डायरेक्टर रहे।
माटी के लाल का होगा सम्मान
उप्र संगीत नाटक अकादमी 2009 के घोषित सम्मान में जब सलीम आरिफ के नाम के साथ फतेहपुर आया तो लोग चौंक गए। लोग जानते ही नहीं थे कि इतनी बड़ी हस्ती का जुड़ाव जिले से है। फतेहपुर विकास मंच के मुखिया स्वामी विज्ञानानंद व नाटककार अमित राजपूत ने कहा कि सलीम जैसी हस्ती फतेहपुर के लिए गौरव की बात है।