बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने 29 जनवरी को महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ को लेकर लोकसभा में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की टिप्पणी पर मंगलवार को हमला बोला और दावा किया कि यह घटना ‘इतनी बड़ी’ नहीं थी. उन्होंने आगे कहा कि गलत बोलना अखिलेश यादव का काम है और महाकुंभ भगदड़ पर उनकी ‘अतिरंजित’ टिप्पणियों के लिए समाजवादी पार्टी प्रमुख की आलोचना भी की.
हम कुंभ के गए थे, बहुत अच्छा स्नान किया.
उस दिन कुंभ में घटना हुई थी, लेकिन ये इतनी बड़ी घटना नहीं है. इसे बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है.
: हेमा मालिनी, BJP सांसद pic.twitter.com/MQm1TPNtUV
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) February 4, 2025
बीजेपी सांसद ने कहा, ‘अखिलेश का काम सिर्फ गलत बोलना है. हमने कुंभ का दौरा भी किया था. घटना हुई थी, लेकिन यह इतनी बड़ी नहीं थी. इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है.’ मीडिया को संबोधित करते हुए, हेमा मालिनी ने सभी को आश्वासन दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ मेले जैसे भव्य आयोजन का प्रबंधन बहुत अच्छे से कर रही है. उन्होंने कहा, ‘यह बहुत अच्छी तरह से प्रबंधित किया गया था, और सब कुछ बहुत अच्छे से किया गया था. इतने सारे लोग आ रहे हैं, इसे प्रबंधित करना बहुत मुश्किल है लेकिन हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं.’
इससे पहले दिन में, अखिलेश ने भगदड़ में 30 लोगों की मौत और 60 के घायल होने पर योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल उठाया और दावा किया कि सरकार हताहतों की वास्तविक संख्या छिपा रही है. चल रहे बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए, समाजवादी पार्टी के सांसद ने आज योगी आदित्यनाथ से मौतों की वास्तविक संख्या बताने को कहा.
#WATCH समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त नहीं की। जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त की, तो 17 घंटे बाद (राज्य) सरकार ने इसे स्वीकार किया। ये वो लोग हैं जो आज भी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते…”… pic.twitter.com/BfOTxoZWdN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 4, 2025
अखिलेश यादव ने संसद में बोलते हुए कहा, ‘जब सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है, तो कृपया महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दें. मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए. महाकुंभ आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी और खोया और पाया केंद्र सेना को दिया जाना चाहिए.’