कोरबा जिला में एक नाबालिग लड़की की तबीयत खराब हो गई। परिजन बैगा से झाड़-फूंक कराते रहे, जिसके कारण उसकी सेहत बिगड़ती चली गई। हालत बिगड़ने में उसे अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान लड़की की मौत हो गई। परिजनों के अंधविश्वास और लापरवाही के कारण एक 15 वर्षीय किशोरी को अपनी जान गंवानी पड़ गई।
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श्यांग थाना क्षेत्र के गुरमा गांव में एक किशोरी की तबीयत खराब हो गई। परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराने के बजाए गांव में बैगा से झाड़-फूंक कराते रहे, जिसके कारण उसकी सेहत बिगड़ती चली गई। अंत में मामला जब गंभीर हो गया, तब परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे और अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
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जानकारी के अनुसार, गुरमा गांव की रहने वाली विमला (15) की तबीयत पिछले तीन दिनों से खराब चल रही थी। परिजन बिमला को अस्पताल ले जाने के बजाए बैगा गुनिया के चक्कर में पड़े रहे। इस बीच विमला की तबीयत ज्यादा खराब हो गई, तब वे उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जिला अस्पताल में विमला की मौत हो गई। मृतका के बड़े भाई गजानंद ने बताया कि विमला की तबीयत खराब होने के बाद वह अजीब-अजीब हरकत करती थी और भूत का साया था, जिसे भगाने गांव के बैगा और बाहर से भी बैगा को बुलाया गया था।
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झाड़-फूंक कराने के बाद तबीयत में कुछ सुधार नहीं हुआ। इसके बाद इलाज के लिए विमला को जिला मेडिकल कॉलजे ले गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। विमला आठ भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। इस घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों के अंधविश्वास के कारण उसकी मौत हो गई। जिला अस्पताल चौकी प्रभारी दाऊद कुजूर ने बताया कि पंचनामा कार्रवाई कर शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। साथ ही मामले की जांच की जा रही है।
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