केरल के कोल्लम जिले के एक निजी शैक्षणिक संस्थान में रविवार को राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) में शामिल होने आयीं छात्राओं को उस समय बेहद अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा जब परीक्षा में बैठने से पहले उन्हें उनके अंत:वस्त्र के हिस्से को उतारने के लिए कहा गया। पहली बार नीट परीक्षा देने आई 17 वर्षीय एक छात्रा के पिता के मुताबिक उनकी बेटी अब तक उस भयावह अनुभव को नहीं भूल पाई है जब उसे तीन घंटे से अधिक समय तक अंत:वस्त्र (ब्रा) के बिना बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा.(students got the undergarments)
छात्रा के पिता ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और वह मानवाधिकार आयोग का रुख करके इस मुद्दे को उठाने के बारे में विचार कर रहे हैं। छात्रा के पिता ने एक टेलीविजन चैनल को बताया कि उनकी बेटी ने नीट के बुलेटिन पर निर्धारित ड्रेस कोड के मुताबिक ही कपड़े पहने हुए थे। उन्होंने कहा कि बुलेटिन में अंत:वस्त्र को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। अन्य छात्राओं ने भी परीक्षा केंद्र पर इस तरह के भयावह अनुभव के बारे में जानकारी साझा की।
इस घटना पर प्रतिक्रिया जताते हुए केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने सोमवार को कहा कि परीक्षा का आयोजन किसी सरकारी एजेंसी ने नहीं किया था और जो हुआ वह आयोजकों की ओर से गंभीर चूक का संकेत देता है.(students got the undergarments)
मंत्री ने कहा कि महिला अभ्यर्थियों के साथ आयोजकों का ऐसा आचरण अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस संबंध में केंद्र सरकार और नीट परीक्षा का आयोजन करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को अपनी नाराजगी से अवगत कराएंगे।’’ पुलिस के मुताबिक इस घटना के सामने आने के बाद सोमवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के संगठन ने कॉलेज के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया।