इंटरनेट का उपभोग बढ़ने के साथ साइबर क्राइम के मामले भी बढ़ गए हैं। साइबर क्रीमिनल्स और हैकर्स मैलवेयर के जरिए यूजर्स के डिवाइसेज को निशाना बनाते हैं। ये मैलवेयर ऐप्स के जरिए यूजर्स के मोबाइल में इंस्टॉल किए जाते हैं। बता दें कि एंड्रॉयड यूजर्स गूगल प्ले स्टोर से अपनी जरूरतों के हिसाब से ऐप्स डाउनलोड करते हैं। ये ऐप्स यूजर्स के काम को आसान बनाते हैं लेकिन कई बार मैलवेयर से प्रभावित ऐप्स यूजर्स के लिए खतरनाक साबित होते हैं। अब गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद ऐसे ही 8 ऐप्स में एक खतरनाक मैलवेयर पाया गया है। इस मैलवेयर का नाम ‘ऑटोलाइकोस’ है। जिन 8 ऐप्स में यह मैलवेयर पाया गया है, उन्हें करीब 30 लाख से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है। हालांकि मैलवेयर मिलने के बाद गूगल ने इन ऐप्स को हटा दिया है।
ये हैं वो आठ एप
रिसर्चर के अनुसार गूगल प्ले स्टोर के Creative 3D Launcher, Gif Emoji Keyboard, Vlog Star Video Editor, Wow Beauty Camera, Freeglow Camera और Coco Camera v1.1 जैसे ऐप्स में यह मैलवेयर पाया गया है। इन ऐप्स को प्ले स्टोर से 30 लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड भी कर लिया है। मतलब 30 लाख से ज्यादा मोबाइल में यह मैलवेयर है। अगर आपने भी इनमें से कोई ऐप डाउनलोड किया है तो तुरंत इन्हें अनइंस्टॉल कर दें।
कैसे काम करता ऑटोलाइकोस
रिसर्च में पता चला है कि मैलवेयर ऑटोलाइकोस सेफ लिंक से काम करता है। इससे इसकी गतिविधियों पर किसी की नजर नहीं पड़ेगी। बताया जा रहा है कि कई बार मैलवेयर युक्त इन ऐप्स ने एसएमएस से सिस्टम में घुसने की कोशिश की है। वहीं ऑटोलाइकोस मैलवेयर यूजर्स को बिना जानकारी प्रीमियम सर्विस दिला देता है। जिसका पैसा, उनके बैंक खातों से कट जाता हैं। कुछ यूजर्स को अपनी बैंक स्टेटमेंट देखने के बाद ऐसी गड़बड़ी के बारे में पता चला। तब तक, उनके खातों से सब्सक्रिपशन चार्ज कट गया था।
नकली एडवर्टाइजिंग कैंपेन
साथ ही रिसर्च में पता चला है कि यूजर्स बढ़ाने के लिए ये ऐप्स सोशल मीडिया पर नकली एडवर्टाइजिंग कैंपेन भी चलाते हैं। रिसर्च में ऐसा दावा किया गया कि फेसबुक पर रेजर कीबोर्ड एंड थीम्स और इंग्राओ के लिए 74 एडवर्टाइजिंग कैंपेन्स चलाए जा रहे थे। मैलवेयर से प्रभावित इन ऐप्स के रिव्यूज में एक अजीब बात नजर आई। इन ऐप्स के डाउनलोड्स कम होने के बावजूद भी, इनकी रेटिंग्स अच्छी रही। इसका कारण, उन रेटिंग्स का नकली होना है।
ऐसे बचें इस मैलवेयर से
जिन लोगों के स्मार्टफोन्स में अभी भी यह ऐप्स मौजूद हैं। वे इससे बच सकते हैं। इसके लिए यूजर्स तुरंत इन ऐप्स को अपने स्मार्टफोन्स से हटा दें। इसके साथ ही अपना बैकग्राउंड इंटरनेट का इस्तेमाल को चेक करें। ये देखें कि कौन सा ऐप कितनी बैटरी लेता है। गूगल प्ले स्टोर पर प्ले प्रोटेक्ट मोड को एक्टिव रखें। जितना हो सकें, कम से कम ऐप्स डाउनलोड करें।(Ajency)