इंदौर
इंदौर जिला न्यायालय ने एक बहू के खिलाफ घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के तहत मंगलवार को मामला दर्ज किया है। आरोप है कि विवाह के बाद महिला ने हिंदू पति और ससुराल पक्ष पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया और मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना दी।
शादी के कुछ दिनों बाद ही बढ़ने लगे विवाद
मरीमाता क्षेत्र की एक युवती का विवाह अप्रैल 2022 में एरोड्रम इलाके के युवक से हुआ था। ससुराल पक्ष के अनुसार, महिला विवाह के बाद केवल 15–20 दिन ही घर पर रही। इस दौरान वह अपने मुस्लिम मित्रों के प्रभाव में आकर मुस्लिम धर्म की इबादत करने लगी। परिवार का आरोप है कि बहू दरगाह जाकर ताबीज, भभूत और फल लाकर जबरदस्ती पति को खिलाने लगी। जब धर्म परिवर्तन के लिए पति ने मना किया तो महिला ने हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने की धमकी दी।
पति और सास पर दबाव, 10 लाख की मांग
ससुराल वालों ने बताया कि एक दिन बहू ने अपनी अलमारी से सभी जेवर निकाल लिए और कहा कि वह "अल्लाह के सजदे" में जा रही है। उसने पति से भी साथ चलने का दबाव बनाया। 17 मार्च 2024 को महिला अपने मायके वालों और दोस्तों के साथ घर आई और 10 लाख रुपए की मांग की। इसी दौरान उसने पति को धर्म बदलने का दबाव बनाकर धमकाया। ससुराल पक्ष ने पुलिस को बुलाया, लेकिन महिला और उसके साथी मौके से चले गए।
पुलिस शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं
परिवार ने वर्ष 2024 में ही पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी थी। एरोड्रम थाने में मामला दर्ज भी हुआ, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद भी बहू लगातार ससुराल पर दबाव बनाती रही।
अदालत ने लिया संज्ञान, बहू को नोटिस
थक हारकर परिवार ने एडवोकेट डॉ. रुपाली राठौर और कृष्ण कुमार कुन्हारे के माध्यम से जिला न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया। अदालत को दी गई जानकारी में पीड़ित पति और सास ने बहू की धमकियों और जबरदस्ती का पूरा ब्यौरा दिया। महिला एवं बाल विकास अधिकारी की गोपनीय जांच रिपोर्ट में भी बहू द्वारा मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की पुष्टि हुई। इसके आधार पर अदालत ने घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत केस दर्ज कर बहू को नोटिस जारी किया है।