लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि 2022 का विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी अकेले ही लड़ेगी. अखिलेश ने कहा कि “बड़ी पार्टियों से गठबंधन का अंजाम देख चुके हैं, पार्टी जनता के बीच अपना काम लेकर जायेगी. अब सपा 2022 का चुनाव अकेले लड़ेगी.”
अखिलेश ने छोटे दलों के साथ गठबंधन की गुंजाइश से मना नहीं किया है. बसपा से गठबंधन टूटने के बाद मायावती के आरोपों पर पूछे गए सवाल के जवाब में अखिलेश ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.
अखिलेश ने कहा कि आज भी समाजवादियों के दिए लैपटॉप प्रदेश में चल रहे हैं. अखिलेश ने बताया कि उपचुनाव के लिए कई दलों से बातचीत चल रही है. जहां बात बनेगी उसे जोड़ेंगे.
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने 2017 के विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन कर के लड़ा था. इसमें दो नौजवानों को एक साथ लाने की बात पर खूब शोर मचा था. इस गठबंधन को महज 54 सीटें मिलीं. सपा की बात करें तो उसकी सीटें 224 से सिमट कर सिर्फ 47 ही रह गईं. सपा सत्ता से बाहर हो गई.सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने सार्वजनिक तौर पर इन दोनों गठबंधन को सपा के लिए नुकसानदेह बताया था.
चुनाव परिणाम आने के बाद सपा ने कांग्रेस से गठबंधन तोड़ दिया था. लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश ने दशकों पुरानी अदावत भुलाते हुए बसपा से हाथ मिलाया था. लेकिन इस बार भी अपेक्षाकृत परिणाम नहीं मिले. पार्टी महज पांच सीट ही जीत सकी, जबकि परिवार के तीन सदस्य चुनाव हार गए.
लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने यूपी में विधानसभा उप चुनाव में गठबंधन तोड़ने का एलान किया था. उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव के दौरान यादवों ने महागठबंधन को वोट नहीं किया है, इसलिए वो सियासी मजबूरियों की वजह से फिलहाल गठबंधन को अस्थाई तौर पर विराम दे रही हैं. इसके साथ ही मायावती ने एलान किया था कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में होगी.
मायावती के संकेत के बाद रामगोपाल यादव ने एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा था कि समाजवादी पार्टी बीएसपी से बड़ी और पुरानी पार्टी है. अगर बीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी तो हम भी अकेले लड़ेंगे.