भाइयों मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के जावरा शहर से बच्चे पकड़ने वाले 25 आदमियों की गैंग को पकड़ा गया है. आपके फोन में जितने भी संपर्क है सभी को सेंड करें और सभी ग्रूप में जरूर भेजें, ताकि सभी सचेत रहें और किसी का बच्चा इस तरह चोरी न हो.’
सोशल मीडिया पर कुछ पुलिसकर्मी और युवक युवतियों के समूह की एक तस्वीर के साथ यह दावा वायरल हो रहा है.
करीब दो साल पहले भी एक इसी तरह का मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. यह मैसेज देश में कई मॉब लिंचिंग की घटनाओं का कारण बना था.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि पुलिस की गिरफ्त में मौजूद यह गैंग बच्चे उठाने वाला गैंग नहीं है. इन्हें देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
फेसबुक यूजर Reetesh Namdeo के इस पोस्ट को खबर लिखे जाने तक 5400 से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है. यह तस्वीर फेसबुक पर ही नहीं बल्कि ट्विटर पर भी वायरल है.
वायरल तस्वीर का सच जानने के लिए हमने इसे रिवर्स सर्च की मदद से ढूंढ तो हमें ‘मंदसौर संदेश ‘ नामक एक स्थानीय न्यूज वेबसाइट पर एक आर्टिकल मिला. 14 जुलाई को प्रकाशित इस न्यूज आर्टिकल के अनुसार रतलाम के जावरा थाना क्षेत्र में पुलिस ने 8 युवतियों व 15 युवकों को देह व्यापार में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
इस न्यूज आर्टिकल के साथ वायरल तस्वीर का भी इस्तेमाल किया गया था. वहीं, तस्वीर में कार्यालय के बाहर लगे बोर्ड पर ‘कार्यालय नग पुलिस अधीक्षक जावरा, जिला.रतलाम म.प्र.’ पढ़ा जा सकता है.
वर्ष 2017 से सोशल मीडिया के जरिए बच्चों से किडनैपिंग के संबंध में अफवाहों ने जोर पकड़ा जिसके बाद देशभर के कई राज्यों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं सामने आने लगीं. सोशल मीडिया पर इस तरह की फर्जी खबरों और इसके बुरे असर का सिलसिला अभी तक जारी है.