भारतीय संविधान कब लागू हुआ था, भारत का संविधान क्या है?, जाने उनकी खूबियों के बारे में

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भारतीय संविधान

Bharat Me Savindhaan Kab Laagu Hua Tha– भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है, जो सरकार के कामकाज नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। हम हमेशा भारत के संविधान के बारे में बात करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का संविधान कब लागू हुआ था?

 

यह सभी के लिए जानना बहुत ही जरूरी है कि भारत का संविधान किसने लिखा और भारतीय संविधान कब लागू किया गया? (bhartiya sanvidhan ko kab lagu kiya gaya tha) आज के इस लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे और भारत के संविधान के पीछे के इतिहास को भी जानेंगे। तो आइए लेख को शुरू करते हैं।

 

भारत का संविधान कब लागू हुआ? (bharat mein samvidhan kab lagu hua tha)

भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था जिसे हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत के संविधान को लागू किया गया था।

 

भारत का संविधान कब लागू किया गया? | bhartiya samvidhan kab lagu kiya gaya tha

15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त करने से पहले भारत लगभग 200 वर्षों तक ब्रिटिश शासन के अधीन था। स्वतंत्रता के बाद संविधान सभा को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

 

भारत का संविधान क्या है?

भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है जो सरकार के कामकाज नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों और राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के दांतों को निर्धारित करता है।

 

यह एक व्यापक दस्तावेज है जो भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला के रूप में कार्य करता है। संविधान 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। यह दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधान में से एक है।

 

भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था?

इसमें 470 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां शामिल है और यह केंद्र और राज्य सरकारों की शक्तियों और कार्यों को परिभाषित करता है। यह नागरिकों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है और राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों को निर्धारित करता है।

 

भारत के संविधान सभा का गठन कब हुआ?

भारत की संविधान सभा का गठन 1946 में हुआ था और इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने गए थे। सभा का नेतृत्व डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने किया जो बाद में भारत के पहले राष्ट्रपति बने। विधानसभा में 299 सदस्य थे जिसमें से 15 महिलाएं थी।

 

सदस्य विभिन्न धार्मिक भाषाई और सामाजिक पृष्ठभूमि से थे और वे भारत की विविधता का प्रतिनिधित्व करते थे। विधान सभा द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा संविधान का मसौदा तैयार किया गया था। इसे समिति में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भी शामिल थे जिन्होंने भारतीय संविधान को लिखा था।

 

इसीलिए इन्हें भारतीय संविधान के जनक के रूप में भी जाना जाता है। संविधान सभा ने भारतीय संविधान लिखने का कार्य 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन में पूरा किया और 26 नवंबर 1949 को इस कार्य को पूरा किया। उसके बाद 26 जनवरी 1950 को यह संविधान पूरी तरह से लागू हुआ और पूरे भारत देश में अपनाया जाने लगा।

 

भारतीय संविधान के लागू होने से संबंधित कुछ प्रमुख बातें

जब भारतीय संविधान को लागू किया जा रहा था तो उस समय कई ऐसी घटनाएं घटी थी, जिसका जानना आपके लिए बहुत ही जरूरी है। तो आइए हम आपको कुछ ऐसे ही प्रमुख बातों के बारे में भी जानकारी देते हैं –

 

भारत का संविधान भारत सरकार अधिनियम 1935 पर निर्धारित है।

स्वराज पार्टी ने 1934 में रांची में भारतीयों की ओर से एक संविधान सभा की पहली मांग की थी।

1935 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अधिकारिक तौर पर संविधान बनाने के लिए एक संविधान सभा की मांग की।

क्रिप्स मिशन ने 1942 में संविधान बनाने के लिए एक निर्वाचित सभा के निर्माण का प्रस्ताव रखा।

भारत के संविधान सभा का गठन 1946 में प्रतिनिधि चुनाव के माध्यम से कैबिनेट मिशन योजना द्वारा किया गया था।

1946 के कैबिनेट मिशन का उद्देश्य संविधान सभा की स्थापना करना था जिसमें कुल 389 सदस्य निर्धारित थे।

इसमें कुल 389 सदस्यों में से 296 सदस्य चुने गए और 93 मनोनीत किए गए।

संविधान सभा के लिए चुनाव जुलाई-अगस्त 1946 में हुए जिसमें कांग्रेस ने 208 सीटें जीती मुस्लिम लीग ने 73 सीटें जीती और अन्य ने 15 जीती। हालांकि भारत की रियासतों ने विधानसभा में भाग नहीं लिया।

संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई जिसमें 207 सदस्य उपस्थित थे और डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा अस्थाई अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। परंतु उसके बाद 11 दिसंबर 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थाई सदस्य चुना गया।

संविधान सभा के 12 सत्रों के माध्यम से भारतीय संविधान को बनाने में कुल 114 दिनों की चर्चा के साथ 2 साले 11 महीने और 18 दिन लगे।

सभा के अंतिम दिन 284 सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए और 166 दिनों की बैठकों में कुल 389 सदस्यों ने इसके निर्माण में भाग लिया।

26 जनवरी 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने संविधान को अपनाने और लागू करने के समर्थन में हस्ताक्षर किए और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को देश के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया।

बेनेगल नरसिम्हा राव ने भारतीय संविधान के निर्माण के दौरान संवैधानिक सलाहकार के रूप में कार्य किया।

भारतीय संविधान की कुछ प्रमुख विशेषताएं

भारत का संविधान दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधान में से एक है जिसमें 470 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां शामिल है। या विस्तृत दस्तावेज है जो नागरिकों के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। इस संविधान की कुछ उल्लेखनीय विशेषताएं इस प्रकार हैं –

 

मौलिक अधिकार

संविधान भारत के सभी नागरिकों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देती है जैसे भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार कानून के समक्ष समानता का अधिकार और जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार।

 

राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांत

संविधान राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों को निर्धारित करता है जो लोगों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार के लिए दिशानिर्देश है। इन में शिक्षा के लिए समान अवसर प्रदान करना श्रमिकों के लिए जीवित मजदूरी हासिल करना और समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण को बढ़ावा देना शामिल है।

 

संघीय संरचना

भारत का संविधान सरकार के एक संघीय ढांचे के लिए प्रदान करता है जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच शक्ति शाहजहां की जाती है। यह संविधान केंद्र और राज्य सरकारों की शक्तियों और कार्यों को परिभाषित करता है।

 

स्वतंत्र न्यायपालिका

संविधान एक स्वतंत्र न्यायपालिका प्रदान करता है जो कानून की व्याख्या करने और यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि सरकार संविधान के ढांचे के भीतर कार्य करती है।

 

यहां पर संविधान की कई और सारी विशेषताएं हैं लेकिन हमने यहां पर आपको कुछ मुख्य और उल्लेखनीय विशेषताओं के बारे में जानकारियां दी हैं।

 

भारतीय संविधान के भाग

तो जैसा कि हमने जाना भारतीय संविधान को 22 भागों में विभाजित किया गया है, जिसमें 470 अनुच्छेद और 12 अनु सूचियाँ शामिल है।