धान की खेती : सही समय में उचित मात्रा में खाद डालने पर होगी कम खर्च में अधिक पैदावार, जाने कब कितनी मात्रा में कौन क्या डालना है

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धान में  उर्वरक देने से धान  की पैदावार बढ़ जाती है, यह सभी किसान जानते हैं, लेकिन यदि रासायनिक उर्वरक को गलत तरीके से दे दिया जाय तो धान की खेती में नुकसान भी हो जाता है। कभी-कभी धान में उर्वरक किसान भाई डाल देते हैं लेकिन उसका कोई फायदा नहीं मिलता, क्योंकि इसका कारण होता है कि उर्वरक को देने में किसान  भाई कुछ ऐसी बातें हैं, जिनको ध्यान में  नहीं रखा और जिन उर्वरकों को दिया गया वह पौधे को मिल ही नहीं पाई,
आज आप को  धान में  उर्वरक देने के सही तरीके के  बारे में  हम उन सभी छोटी- छोटी बातों को बताएंगे जिनको आप करके अपनी फसल में जो भी उर्वरक देंगे उसका पूरा लाभ ले पाएंगे।

धान में उर्वरक की कब डालें

Dhaan की फसल में यदि आप सही तरीके से उर्वरक देते हो तो रोपाई से फसल कटाई तक  आप को 3-4 बार उर्वरक  देनी होती है.।लेकिन यही यदि आप धान की अधिक पैदावार चाहते हैं, तो आप को उर्वरक देने का सही समय मात्रा और पोषक तत्वों को ध्यान रखकर देना होगा।
धान में उर्वरक को इस  तरह से दिया जा सकता है।

1. धान रोपाई के समय

धान रोपाई के समय
DAP,NPK,या SINGLE SUPER PHOSPHATE को देना जरूरी है।सिंगल सुपर फास्फेट के साथ 30 kg यूरिया जरूर डालें। ध्यान रखना है,फास्फोरस के साथ मिलाकर जिंक नहीं देना है।

2.धान में पहली टॉप ड्रेसिंग:-

दूसरी बार टॉप ड्रेसिंग में धान में यूरिया और जिंक को देना सबसे अच्छा समय होता है। इस समय धान में नाइट्रोजन और जस्ते की पौधे को आवस्यकता होती है। क्योकि 21 -35दिन के बीच में धान में जिंक की कमी के लक्षण दिखाई देने चालू हो जाते हैं। इस लिए इस समय धान में जिंक और यूरिया दोनों को दिया जाना सबसे अधिक फायदेमंद होता है।

3. धान में दूसरी टॉप ड्रेसिंग:-

धान में दूसरी टॉप ड्रेसिंग में यूरिया और पोटाश में यूरिया के साथ पोटाश देना चाहिए। धान में दूसरी टॉप ड्रेसिंग का सही समय धान की फसल 45-55 दिन की होने पर दिए जाने पर धान में नाइट्रोजन औऱ पोटाश की पूर्ति होती है। नाइट्रोजन, पोटाश के साथ इस समय धान की अच्छी पैदावार के लिए साथ मे अन्य पोषक तत्व भी दें जिससे धान की फसल गिरने से बचेगी और जो सूक्ष्म तत्व होते हैं, उनकी कमी को भी पूरा करेगी। इस लिए धान की दूसरी टॉप ड्रेसिंग में यूरिया,पोटाश, कॉपर सल्फेट,मैंगनीज सल्फेट को देना चाहिए।जिससे आयरन,मैग्नीशियम, पोटाश और नाइट्रोजन की पूर्ति होगी|

इनको देने से सूक्ष्म पोषक तत्व की पूर्ति होगी। इसको देने से धान की बालियाँ आगे-पीछे न निकल कर एक साथ ही निकलेगी,पोटाश से पौधे मजबूत होंगे, बालियाँ मोटी और दाने का भराव अच्छे से होगा।बालियाँ खोखली नहीं होगी।

यदि एक साथ DAP, NPK या सिंगल सुपर फास्फेट दे दिया है, आप अब भी इसका सुधार करके धान में कल्ले सही ग्रोथ,और विकास कर सकते हैं।सुधार के लिए आप को ये चरण अपनाने होंगे।

30 दिन या इससे ऊपर की धान हो गई है लेकिन अच्छे से कल्ले का फुटाव नही हुआ है। या फिर पौधे कमजोर है, सही से विकास नहीं हो रहा,ग्रोथ रुक गई है। इन सबके कर्म हो सकते है कि उर्वरक की मात्रा सही न दी गई हो या फिर खेत मे पोषक तत्व की कमी है, यदि आप ने खेत मे उर्वरक की मस्टर सही समय पर दी है लेकिन फिर भी आप के खेत मे धान कमजोर या ऊपर के लक्षण बने हुए हैं।

इसका मतलब है कि आप ने डी ए पी, एन पी के अथवा सिंगल सुपर फास्फेट के साथ मे जिंक को मिला कर दिया है या इन उर्वरकों को देने के बाद 15 दिन के अंदर ही जिंक को मिट्टी में दे दिया है। तब भी धान में कल्लों का फुटाव कम होगा,पौधे की ग्रोथ रुक जाएगी। पौधा ठीक ढंग से विकास नहीं कर पायेगा।

कारण:-  यदि धान में सभी उर्वरकों को देने के बाद भी धान की फसल में इस तरह की कमी देखने को मिलती हैं।तो इसका कारण भी आप को पता होना चाहिए कि सल्फेट के साथ मे जिंक क्यो नही देनी चाहिये।

फाल्फेट और जिंक को एक साथ देने से मिट्टी में में जब ये दोनों रसायन एक साथ या 15-20 दिन के भीतर दे देते। तब फास्फेट और जिंक आपस मे रासायनिक क्रिया करके एक नए तत्व में बदल जाते है।

साधारण भाषा मे समझे तो जिंक और पोटाश आपस मे मिलने पर ये रिएक्शन करते है जिससे नए तत्व “जिंक फास्फेट”में बदल जाते है। जिसके कारण ये टूटते नही है उणी पौधे के उपयोग के लिए न बदल कर ये मिट्टी में ही पड़ा रहता है, और मिट्टी में जिंक और फॉस्फोरस मौजूद होते हुए भी पौधे को नही मिल पाते हैं। जिसके कारण पौधे में ठीक ढंग से कल्ले का फुटाव नही होता,विकास और ग्रोथ रुक जाती है। फसल कमजोर हो जाती है,उत्पादन में कमी आती है।

जिंक और फॉस्फोरस का आज भी भारत के लगभग 70-75 %किसान  समय और श्रम की बचत के कारण एक साथ ही दे देते हैं। जिसके कारण ऐसे किसानों को नुकसान उठाना पड़ जाता है। 

धान में उर्वरक को इस तरीके से देने से किसान को अपनी फसल में फायदा न मिलकर उर्वरक पर किया जाने वाले खर्च का नुकसान होता है, इसलिए यदि आप ऐसी गलती कर दिया है तो आप इसको सुधार कर सकते हैं।

इसके लिए आप इस तरह से उर्वरक देने से अपनी धान में रुकी हुई ग्रोथ,कल्ले और विकास को फिर से कर सकते हैं।
इसके लिए ।

धान की रोपाई के समय केवल NPK, DAP, या एसएसपी का प्रयोग करने के 20-25 दिन बाद ही जिंक का प्रयोग करें। हाँ इस बीच यूरिया,जिंक का स्प्रे किया जा सकता है। लेकिन यदि आप ने पहले सब कुछ गलत तरीके से कर ही दिया है तो आप धान की फसल 30 दिन बाद उर्वरक को इस तरह से दें।

30 दिन पर NPK 12:32:16 की 50KG मात्रा  दे देने से फास्फोरस की पूर्ति हो जाएगी। क्योंकि जो मात्रा आप ने पहले दी थी वह पौधे को सही से नही मिल पाएगी इसलिए आप को npk 50 kg दोबारा दे दें फास्फोरस की पूर्ति होने पर पौधे का विकास और कल्ले निकलने चालू हो जायेगे।

इसके 25-30 दिन बाद ही जिंक का प्रयोग मिट्टी में करें । हॉ गए जिंक की कमी के लक्षण आप को अपने खेत मे 30 दिन के पहले दिखाई दे रहे हैं। तो आप जिंक को मिट्टी में न देकर।


फास्फोरस देने के बाद जिंक कैसे डालें:- धान में जब भी फास्फोरस दे उसके 25-30दिन के अन्दर यदि जिंक की कमी खेत मे दिखाई पड़े, या फिर जिंक देने की आवश्यकता है तो फिर आप जिंक को मिट्टी में सीधे न देकर जिंक का स्प्रे करना चाहिए। जिंक का स्प्रे करने से मिट्टी में मौजूद फास्फोरस पर किसी तरह का नुकशान नही होगा।

स्प्रे के लिए सामान्य जिंक न लेकर चिलेटेड जिंक यानी EDTA  जिंक का स्प्रे कर दें।

चिलेटेड जिंक 12% में आती है इसको आप धान में स्प्रे करके जिंक की कमी को पूरा कर सकते हैं।

EDTA ZINC 12%की 500 ग्राम मात्रा को 2 KG यूरिया के साथ मिलकर 120-150 लीटर पानी के साथ स्प्रे कर दें । इस तरह से जिंक और फास्फोरस को पूरा किया जा सकता है और धान में रुके हुए कल्ले और विकास होने लगेगा।
इसके बाद जब धान में गाभ कई अवस्था यानी पौधे में बलिया निकलने के पहले की अवस्था में उर्वरक की मात्रा दोबारा देने से बलिया एक साथ निकलेगी। और बालियों में दाने का हहराव दान मोटा पौधा मोटा, गिरने से बचेगा और बालियों में दाने में चमक बढ़ेगी।
इसके लिए धान में गाभ के समय यूरिया 20KG, फेरस सल्फेट 5KG, मैगनीज सल्फेट 3KG, कॉपर सल्फेट 2KG, 10KG MOP सभी को साथ मे मिला कर मिट्टी में दे। जिससे धान में अच्छी तरह से विकास होता रहेगा।
”  हमने इस लेख में जानकारी दी कि आप किस तरह से आप अपने धान में आप धान में उर्वरक कैसे दे सकते है, उसको सुधार कर धान की ग्रोथ, कल्ले की संख्या, और विकास को बढ़ा सकते हैं। (Agency)