बलरामपुर जिला में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है| जहाँ एक पुलिस अधिकारी ने एक व्यक्ति से पैसे की मांग की जिसने प्रसव के दौरान अपनी पत्नी फिर कुछ दिन बाद अपनी दुधमुही बच्ची को खो दिया था| एएसआई ने बच्ची को जानबूझकर मारने का आरोप लगाकर 20 हजार रुपए की मांग की| जबकि बच्ची की मौत हृदयाघात से हुई थी | पैसे लेने की बात मिडिया में आने बाद एएसआई की निलंबित कर दिया गया है| मामला रघुनाथनगर का है |
दरअसल, रघुनाथनगर थाने में पदस्थ एएसआई पीड़ित से ये कहकर पैसे मांग रहा था कि उसने बच्चे को दूध पाउडर पिलाया है. जिस वजह से उसकी मौत हुई है. ऐसा कहकर एएसआई बार बार पीड़ित से पैसे की मांग करने लगा था. पैसे नहीं दिये जाने पर एएसआई जाबलून कुजूर ने एक आरक्षक को साथ लेकर पीड़ित संतोष कुशवाहा के घर पहुंच गया. जिसके बाद थाने में बुलाकर संतोष से 20 हजार रुपये की मांग कर दी. जिसकी प्रथम किस्त 9 हजार रुपये पीड़ित के पिता से एएसआई जाबलून कुजूर ने लिए. वहीं 11 हजार रुपये एक दिन बाद दिये जाने की बात पर संतोष को थाने से छोड़ा गया.
जब मामला मीडिया के संज्ञान में आया तो एएसआई ने मीडिया के सामने ही पीड़ित से लिये गये 9 हजार रुपये वापस कर दिये. बताया जा रहा है कि संतोष कुशवाहा की पत्नी की मौत डिलीवरी के दौरान हो गई थी और एक बच्ची ने जन्म लिया था. जिसका पालन पोषण पिता के द्वारा किया जा रहा था. लेकिन 15 दिनों बाद बच्ची की भी मौत इलाज के दौरान हो गई थी. जिसका पोस्टमार्टम भी वड्राफ़नगर सिविल अस्पताल में किया गया था.
वहीं इस घटना के बाद संतोष के ससुराल पक्ष के द्वारा रघुनाथनगर थाने में शिकायत की गई थी कि नवजात बच्ची को जानबूझकर मारा गया है. फिलहाल मामले में एसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने संज्ञान लेते हुए एएसआई को निलंबित भी कर दिया है.