Saree Cancer: साड़ी भारतीय संस्कृति से जुड़ी हुई है. किसी भी तरह के पार्टी, फंक्शन, फेस्टिवल, पूजा-पाठ में यहां की औरतों साड़ी पहनते हैं. साड़ी का ट्रेंड सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है बल्कि आज पूरी दुनिया में साड़ी को अलग-अलग तरीके से पहना जाता है.
साड़ी सिर्फ ट्रेडिशनल तरीके से ही नहीं बल्कि अलग-अलग स्टाइल में भी पहना जाता है. लेकिन आपको पता चले कि साड़ी पहनने के तरीका से कैंसर होने का खतरा बढ़ता है तो यह खबर आपको दुखी कर सकती है. भारत की महिलाएं जिस तरीके से साड़ी पहनती हैं उसकी वजह से उन्हें कैंसर जैसी गंभीर हो रही है. साड़ी के अलावा दूसरी तरह की कपड़ों के कारण भी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ता है.
साड़ी कैंसर क्या है?
साड़ी पहनने के कारण Squamous Cell carcinoma (SCC) कैंसर का खतरा बढ़ता है. इस तरह के कैंसर भारतीय महिलाओं में तेजी से फैल रहा है. बीते कुछ सालों में साड़ी के कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं. ओनली माई हेल्थ में छपी खबर के मुताबिक एससीपीएम मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ सुदीप कहते हैं कि भारत के गांवों में रहने वाली महिलाएं पूरे साल साड़ी पहनती है. साड़ी बांधती है वहां पर यानि कमर पर निशान पड़ जाते हैं.
यह निशान कमर पर पेटीकोट पहनने वाले सूती नाड़े के कारण होती है. इसके कारण कमर पर रगड़ आता है. जिसके कारण कमर पर काला निशान पड़ जाता है. आग चलकर यह निशान स्किन कैंसर का रूप ले लेता है. जो महिलाएं बहुत ज्यादा गर्मी में रहती है उन्हें यह बीमारी होने का खतरा सबसे अधिक रहता है. बिहार और झारखंड की महिलाओं में यह बीमारी तेजी से फैल रही है.
कश्मीरी कांगरी कपड़े और टाइट जींस से भी होता है कैंसर
कश्मीर में कांगरी कपड़े के अंगर लोग आग जला कर रख लेते हैं इसके कारण भी स्किन में गर्मी लगती है और स्किन कैंसर का खतरा बढ़ता है. इसके साथ ही टाइट जींस पहनने के कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ता है. साथ ही प्राइवेट पार्ट को भी नुकसान पहुंचता है.
ऐसे कर सकते हैं बचाव
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए सबसे जरूरी है आप अपनी लाइफस्टाइल ठीक करें. हेल्दी और पोष्टिक खाना खाएं. एक्टिव लाइफस्टाइल रखें. एक जगह घंटों तक बैठे न रहें. आप जितना एक्टिव रहेंगे वह आपके शरीर के लिए फायदेमंद है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.