गलत रंग कर सकते हैं प्रमोशन में देरी, जानें ऑफिस डेस्क के वास्तु नियम

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हर कोई अपने करियर में सफलता की ऊंचाइयों को छूना चाहता है। मेहनत, लगन और स्किल्स के अलावा कुछ और चीजें भी होती हैं जो आपकी सफलता को प्रभावित करती हैं  उन्हीं में से एक है वर्किंग एनवायरमेंट। वास्तु शास्त्र के अनुसार, कार्यस्थल या ऑफिस डेस्क की सजावट, दिशा और खासकर वहां मौजूद रंगों का आपके करियर पर सीधा असर पड़ता है। अक्सर हम अपने डेस्क को खूबसूरत दिखाने के लिए तरह-तरह के रंगीन आइटम्स, पेन स्टैंड, डायरियां, या शोपीस रख लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनका रंग कभी-कभी आपके करियर के लिए बाधक भी बन सकता है ? चलिए जानते हैं कि कौन-से रंग वर्किंग डेस्क पर नहीं होने चाहिए और क्यों।

काले रंग
काला रंग रहस्यमयता और गंभीरता का प्रतीक माना जाता है लेकिन वास्तु में इसे नकारात्मक ऊर्जा का वाहक समझा जाता है। वर्क डेस्क पर काले रंग के बहुत अधिक आइटम्स, जैसे डायरी, लैम्प, पेन होल्डर या मैट रखने से मन में नकारात्मकता, चिंता और विचारों में भ्रम उत्पन्न हो सकता है।

लाल रंग
लाल रंग ऊर्जा और जोश का प्रतीक है लेकिन इसकी अधिकता कार्यस्थल पर तनाव, चिड़चिड़ापन और जल्दबाजी को जन्म देती है। यदि आपकी डेस्क पर बहुत अधिक लाल रंग मौजूद है तो यह आपके फैसलों को प्रभावित कर सकता है और करियर में अस्थिरता ला सकता है।

डार्क ब्राउन रंग
ब्राउन रंग देखने में आकर्षक जरूर लगता है, लेकिन वर्किंग डेस्क के लिए यह बिल्कुल उपयुक्त नहीं माना जाता। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह रंग व्यक्ति में आलस्य बढ़ा सकता है और उसे सुस्ती की ओर ले जा सकता है। इतना ही नहीं, यह आपकी दिनचर्या में किसी भी नए बदलाव को अपनाने में रुकावट पैदा करता है, जिससे आपके अंदर मोटिवेशन की कमी महसूस हो सकती है। इसलिए कोशिश करें कि अपने ऑफिस या स्टडी टेबल पर ब्राउन कलर की चीजें न रखें, जैसे पुरानी भूरे रंग की फाइलें, ड्रॉअर या डेस्क ऑर्गनाइज़र। इसकी जगह आप हल्के वुडन शेड्स या क्रीम कलर का चयन करें, जो माहौल को हल्का और प्रेरणादायक बनाए रखता है।

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