जयपुर
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने युवाओं का आव्हान किया है कि वे अपनी स्वतंत्र सोच को मजबूत आवाज के साथ रखें। समस्या के साथ समाधान भी सुझाएं। विधान सभा कानून बनाने के साथ युवाओं को मुख्य धारा में लाने का सशक्त मंच भी है। युवा शक्ति को बदलते भारत की दिशा में नये आयामों के लिए भरपूर प्रयास करने होंगे। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने सोमवार को विधान सभा में प्रदेश के राजकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की एक दिवसीय युवा संसद का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। युवा संसद में राजकीय विद्यालयों के कक्षा 9 से 12 तक अध्ययनरत 41 जिलों के 164 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। देवनानी ने कहा कि युवा संसद समय के अनुकूल व्यापक सोच है। दुनिया बदल रही है। कौशल बदल रहे है। अवसर बदल रहे है। ऐसे समय में जीवन कौशल, वित्तीय साक्षरता, नैतिक मूल्य जैसे गुणों का युवाओं में विकास शैक्षणिक आवश्यकता के साथ सामाजिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी भी है।
उन्होंने कहा कि युवा लोकतांत्रिक शक्ति के सक्रिय वाहक है। जिन सीटों पर विधायक बैठतें है, उन पर भविष्य के विधायक, वैज्ञानिक, प्रशासक और जनप्रतिनिधि बैठे हुए है। यह प्रयास युवाओं को दर्शक नहीं बल्कि 21वीं सदी के विजेता बनाने का है। देवनानी ने कहा कि पढ़ाई का दबाव, केरियर का तनाव, सोशल मीडिया का प्रभाव, तुलना की भावना, अकेलापन और प्रतिस्पर्धा ने युवाओं पर दबाव बनाया है। उन्होंने कहा कि मजबूत मन ही मजबूत निर्णय लेता है और यही जीवन में सफलता का आधार होता है। केरियर मार्ग दर्शन बहुत महत्वपूर्ण है। दिशा मिल जाए तो औसत क्षमता वाला युवा भी शिखर पर पहुँच सकता है। प्रश्न पूछने वाला युवा ही परिर्वतन की मशाल जलाता है। विषय को समझे, उसका विश्लेषण करें और धैर्य के साथ निर्णय लें।
देवनानी ने युवाओं से कहा कि सदन की समृद्ध परम्पराएं होती है। किसी बात का समर्थन करने पर मेज थपथपाई जाती है। संवाद में मर्यादा और स्पष्टता व संयमित भाषा का उपयोग किया जाता है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि विधान सभा के ऐतिहासिक भवन के सदन में युवाओं की उपस्थिति गौरव की अनुभूति करा रही है। युवा देश का भावी नेतृत्व है। उन्होंने कहा कि संवाद और सहभागिता सीखें। समन्वय के साथ लोकतन्त्र को मजबूत बनाये। श्री दिलावर ने कहा कि युवाओं को शालीनता का परिचय देना होगा। दबाव व असमंजस से बचना होगा। उचित मार्ग दर्शन के साथ सफलता के शिखर पर पहुँचना होगा।
विधान सभा अध्यक्ष की पहल पर विधान सभा के सदन में सोमवार को प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत 41 जिलों के 164 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस मौके पर राजस्थान विधान सभा के प्रमुख सचिव भारत भूषण शर्मा, शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल, राजस्थान विधान सभा के विशिष्ट सहायक के.के शर्मा सहित शिक्षा विभाग के अधिकारीगण और राजस्थान विधान सभा के अधिकारीगण मौजूद रहे।
राजस्थान विधान सभा में हो रहे युवा संसद में राज्य के विद्यालयों में अध्ययनरत किशोर-किशोरियों के मानसिक स्वास्थ्य एवं करियर मार्गदर्शन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक राज्य-स्तरीय काउंसलिंग कार्यक्रम प्रारंभ करने, प्रत्येक विद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य एवं करियर काउंसलिंग प्रकोष्ठ स्थापित करने, प्रशिक्षित काउंसलर की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा नियमित परामर्श एवं करियर जागरूकता गतिविधियाँ संचालित करने हेतु शासन को अधिकृत करने का प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में बताया गया कि इस निर्णय से विद्यार्थियों में मानसिक स्थिरता, आत्मविश्वास एवं करियर चयन की स्पष्टता बढ़ेगी तथा विद्यालयी वातावरण अधिक सुरक्षित एवं सकारात्मक होगा।