सिगड़ी की चपेट में आई ननद-भाभी, इलाज के दौरान दोनों की मौत, गम में डूबा परिवार

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सिगड़ी की चपेट में आई ननद-भाभी : छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें सिगड़ी जलाते समय आग की चपेट में आने से ननद-भाभी की मौत हो गई। मौत के बाद परिजन दोनों के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी। घर पर परिवार के साथ रिश्तेदार और पहचान वाले पहुंच गए थे। शव को अंतिम संस्कार के लिए कुछ ही समय बचा था, तभी परिजनों को पता चला कि अप्राकृतिक मौत पर मुआवजा मिलता है। इसके बाद घरवाले तुरंत दोनों शवों को जिला अस्पताल ले आए, जहां पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया। घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के सीतामणी स्थित गोकुलगंज की है।

 

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मिली जानकारी के अनुसार कोरबा में कोतवाली थाना के सीतामणि स्थित गोकुलगंज में रहने वाली संतोषी यादव कुछ दिन पहले गेवरा बस्ती स्थित अपने मायके गई हुई थी, जहां अपनी भाभी गीता यादव के साथ वह खाना बनाने के लिए कोयले की सिगड़ी जला रही थीं। कोयला जल्दी जल नहीं रहा था और केरोसिन तेल नहीं था। इसलिए दोनों ने सैनिटाइजर का इस्तेमाल का निर्णय लिया। सैनिटाइजर डालते ही आग की लपटें तेजी से उठीं और दोनों महिलाएं इसकी चपेट में आ गई। ननद और भाभी आग की लपटों से घिर गई और गंभीर रूप से झुलस गई। तत्काल परिजन दोनों को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से उन्हें बिलासपुर फिर रायपुर रेफर कर दिया गया।

 

 

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कई दिनों तक दोनों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा था। लेकिन सुधार नहीं हुआ तब वे कोरबा लौट रहे थे, जहां रास्ते में ही दोनों की मौत हो गई। घर आने के बाद बिना पुलिस कार्रवाई के दोनों के अंतिम संस्कार करने की तैयारी चल रही थी। इस बीच परिजनों को बताया गया कि अप्राकृतिक मौत के मामले में प्रशासन की तरफ से मुआवजा मिलता है। गीता के पति संतोष यादव ने बताया कि घटना में उसकी पत्नी और बहन दोनों गंभीर रूप से झुलस गए थे। जिनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। पत्नी और बहन को कोरबा लेकर वापस लौट रहे थे।

 

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इसी दौरान मौत हो गई और घर लेकर आए। उसके बाद उसकी अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। किसी ने बताया कि अप्राकृतिक मौत के मामले में सरकारी मुआवजा मिलता है। इस पर दोनों शव को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। जिला अस्पताल चौकी प्रभारी दाऊद कुजुर के अनुसार, तहसीलदार को सूचित करने के बाद परिजनों का बयान दर्ज किया गया और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।

 

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