छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनी माता, जाने मीनाक्षी से कैसे बनी मिनी माता

छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद एवं छत्तीसगढ़ राज्य की स्वप्नदृष्टा, कर्मठ समाज सेविका मिनी माता जी की पुण्यतिथि पर हम सब सादर नमन करते हैं। मिनी माता पहली बार 1955 में सांसद बनीं थी। छत्तीसगढ़ की सियासत में मिनी माता का अहम रोल है। पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू भी मिनी माता का सम्मान करते थे।

 

मिनी माता छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद हैं। वो 1955 के उपचुनाव को जीतकर पहली बार सांसद पहुंची थी। वो अविभाजित मध्यप्रदेश की अलग-अलग संसदीय सीट से सांसद निर्वाचित हुईं। राजनीति के साथ-साथ समाज सेवा के कारण भी उनकी लोकप्रियता थी। उनकी समाज सेवा के कारण ही लोग उन्हें मिनी माता के नाम से पुकारते थे। मिनी माता ने सतनामी समाज के लिए कई सराहनीय काम किए।

समाज में व्याप्त छुआछूत, गरीबी, अशिक्षा तथा पिछड़ापन दूर करने के लिए मिनीमाता ने अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। नारी शिक्षा, मजदूरों के उत्थान के लिए काम करने के साथ साथ उन्होंने बाल-विवाह और दहेज प्रथा जैसी समाजिक बुराईयों के खिलाफ समाज से संसद तक अपनी आवाज को बुलंद किया।

छत्तीसगढ़ में कृषि तथा सिंचाई के लिए हसदेव बांध परियोजना भी उन्हीं की दूर-दृष्टि का परिणाम है। भिलाई इस्पात संयंत्र में स्थानीय निवासियों को रोजगार और औद्योगिक प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में आज भी उन्हें याद किया जाता है। हम सब ऐसे व्यक्तित्व पर गर्व करते हैं।

जानिए कौन हैं मिनीमाता (Minimata)
1 – मिनीमाता का जन्म 1913 में असम के नगांव जिले में हुआ था। बचपन में उनके परिजन उन्हें मिनाक्षी नाम से पुकारते थे।
2 – मिनीमाता को छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद थीं। वे वर्ष 1952, 1957, 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर सांसद चुनी गई थीं।
3 – मिनीमाता बतौर सांसद जब वे दिल्ली में रहती थीं तो उनका वास स्थान एक धर्मशाला जैसा था। उन्हें छत्तीसगढ़ी के साथ हिंदी और अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान था।
4 – समाज में पिछड़ापन और छुआछूत जैसी तमाम कुरीतियों को दूर करने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
5 – संसद में अस्पृश्यता बिल को पास कराने में मिनीमाता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
6 – बाल विवाह, दहेज प्रथा, गरीबी और अशिक्षा दूर करने के लिए भी मिनीमाता लगातार आवाज उठाती रहीं।
7 – सामान्य और मध्मवर्गीय परिवार से होने के कारण छत्तीसगढ़ की जनता का मिनीमाता से सीधा जुड़ाव था। इसी वजह से प्रदेश की जनता उन्हें राजमाता जैसा सम्मान देती थी।
8 – छत्तीसगढ़ के लोग मिनीमाता से इतना प्यार करते हैं कि आज भी प्रदेश सरकार उनके सम्मान में हर वर्ष महिलाओं के विकास के क्षेत्र में काम करने वालों को मिनीमाता सम्मान देती है।
9 – छत्तीसगढ़ का विधानसभा भवन भी उनके नाम पर ही बना है।
10- 11 अगस्त 1972 को एक विमान हादसे में उनकी मृत्यु हो गई।

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