वॉशिंगटनः तालिबान के साथ शांति वार्ता के दूत खलीलजाद को संसद में देनी होगी गवाही

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अफगानिस्तान संकट पर तालिबान के साथ अमेरिकी वार्ताकार दूत जलमय खलीलजाद को अब बातचीत की सारी जानकारी अमेरिकी संसद कांग्रेस को देनी होगी। अमेरिकी कांग्रेस की शीर्ष समिति ने इस बाबत उन्हें संसद में पेश होकर गवाही देने को कहा है। यह नोटिस इसलिए अहम है क्योंकि खलीलजाद दो बार इस संबंध में विदेश मामलों की समिति के अनुरोध को नजरअंदाज कर चुके हैं। फिलहाल, तालिबान के साथ होने वाले समझौते का मसौदा सभी पक्षकारों को भेजा गया है।

अमेरिकी कांग्रेस में विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष इलियट एंजेल इसकी सुनवाई करेंगे। एंजेल ने खलीलजाद को विदेश मंत्रालय से शांति वार्ता के तथ्यों को न छुपाने को कहा है। खलीलजाद को इसी माह के अंत में ब्योरा पेश करने को कहा है ताकि देश के नागरिकों को तालिबान के साथ वार्ता की रूपरेखा, संभावित खतरे और लंबे समय से विचाराधीन मामलों के बारे में पूरी जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में युद्ध के करीब दो दशक हो गए हैं और हम सभी इसकी समाप्ति चाहते हैं, लेकिन हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम शांति वार्ता कर रहे हैं, केवल सैनिकों की वापसी नहीं। एंजेल ने कहा, इस गवाही से मामले की प्रगति को समझने में मदद मिलेगी और पारदर्शिता आएगी।

खलीलजाद पर सख्त रुख

अमेरिकी कांग्रेस में विदेश मामलों की समिति ने दो बार खलीलजाद को अफगानिस्तान में तालिबान से शांति वार्ता की जानकारी साझा करने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने लगातार इस पर कोई जवाब नहीं दिया। इस पर समिति के अध्यक्ष इलियट एंजेल ने कहा कि शीतयुद्ध के बाद अमेरिका व अफगानिस्तान दोनों देशों के नागरिकों को यह जानने का हक है कि इस बारे में राजनयिक रणनीति क्या है? एंजेल ने कहा, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि खलीलजाद गवाही के लिए उपस्थिति वैकल्पिक नहीं है। उन्होंने आगाह किया है कि अगर खलीलजाद उपस्थित नहीं होंगे तो वह इस बार अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे।