विश्वविख्यात गुरु घासीदास बाबा की जन्म और तपोभूमि गिरौदपुरी धाम में शाम होते ही इन दिनों भालू को विचरण करते देखा गया है| यहाँ आने श्रद्धालु देर शाम तक दर्शन करते रहते हैं अब उन्हें सावधान रहने की आवश्यता है| खासकर शाम होते ही जंगल की ओर यहाँ सुनसान जगहों पर जाने से परहेज करें|
इन दिनों गिरौदपुरी बस्ती से एक विडियो सामने आया है| इस विडियो की पुष्टि johar36garh news नहीं करता| जिसमे एक भालू दिख रहा है जो कुछ खा रहा था| दावा किया जा रहा है की यह गिरौदपुरी बस्ती का है जो बैर खाने के लिए आया हुआ है|
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बताया जा रह है की जँगली भालू को किसी प्रकार की छेड़छाड़ या बदमाशी न करें, ऐसे दर्शनार्थी जो रात्रि में गिरौदपुरी में रुकते है वे थोड़ा सावधान रहें।
उक्त जँगली भालू मानव समाज को अभी तक किसी प्रकार के नुकसान नही पहुंचाए है, जो प्रतिदिन बेर खाकर पुनः वापस जँगल की ओर चले जाते है।
आपको बता दें की छाता पहाड़ और पचकुण्डीय के आसपास अक्सर इन भालुओं को विचरण करते देखा जा सकता है | वहां पर पानी पीने या नारियल खाने के लिए आते ही रहते हैं| जो अपनी प्यास बुझाने के बाद बड़े आराम से वापस चले जाते हैं| अभी तक किसी को नुकसान पहुचाने की सूचना नहीं मिली है| यह क्षेत्र पूरी तरह जंगल से घिरा हुआ है|
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