Friday, November 22, 2024
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अजा अजजा अधिकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से मुलाकात कर पदोन्नति में आरक्षण लागू करवाने मांग रखी

छत्तीसगढ़ के समस्त अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी गण पदोन्नति मेंआरक्षण मामले में मान उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 16-04-24 के बाद हताशा और निराशा से ग्रसित हो रहे हैं| मान उच्च न्यायालय ने उक्त आदेश में पदोन्नति में आरक्षण सम्बन्धी अधिसूचना दिनांक 22-10-19 एवं परिपत्र दिनांक 31-10-19 को अपास्त करते हुए निर्देशित किया कि सरकार तीन माह के भीतर छ ग लोक सेवा (पदोन्नति ) नियम 2003 के नियम 5 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समय समय पर पारित आदेश जिसमे एम नागराज बनाम यूनियन आफ इंडिया 2006 , जरनैल सिंह बनाम लक्ष्मीनारायण गुप्ता 2018 , बी के पवित्रा द्वितीय 2019 एवं जनरैल सिंह द्वितीय 2022 के दिशा निर्देश के आधार पर नए नियम प्रतिस्थापित कर अधिसूचित करें |

 


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इसी आदेश के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त अनुसूचित जाति जन जाति अधिकारी कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने एक मंच में आकर मान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर तत्काल कैडर वाइज मात्रात्मक डाटा तैयार करते हुए नए नियम बनाकर पदोन्नति में आरक्षण लागु करने की मांग की

 


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छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष आर एल ध्रुव ने पदोन्नति में आरक्षण मामले की वर्तमान स्थिति से सीएम को अवगत कराया| वही अजाक्स प्रांताध्यक्ष डा लक्ष्मण भारती ने सीएम श्री साय के समक्ष यह कहा कि यदि पदोन्नति में आरक्षण लागू नहीं किया जाता तो अस्सी से नब्बे हजार अजा अजजा अधिकारी कर्मचारी उसी बेसिक पद में रिटायर हो जाएंगे जिन पदों में वे वर्तमान में पदस्थ हैं| साथ ही इनकी पदोन्नति नहीं होने से अजा अजजा वर्ग के बेसिक पद रिक्त नहीं होंगे फलस्वरूप इन वर्गों के युवा शिक्षित बेरोजगारों के लिये पद रिक्तता की समस्या के कारण शासकीय सेवा में आने से वंचित रह जाएंगे और बेरोजगारी की स्थिति इन वर्गों में बढ़ती चली जायगी इस प्रकार पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा न केवल इन वर्गों के अधिकारी कर्मचारियों का मुद्दा है बल्कि यह एक सामाजिक आर्थिक विकास का मुद्दा है जिससे प्रदेश के 45 फीसदी जनसंख्या जो अजा अजजा वर्ग की है प्रभावित हो रही है

 


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विदित हो कि 31 अक्टूबर 2019 से माननीय उच्च न्यायालय ने यह कह कर पदोन्नति आरक्षण में स्टे दिया था कि तीन सप्ताह में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार नियम बनाकर प्रस्तुत करें किन्तु इन वर्गों के प्रति पूर्व सरकार की असंवेदनशीलता के कारण पूरे चार साल इस पर ध्यान नहीं दिया गया ऊपर से रातों रात सभी विभागों में डीपीसी गठित कर नियमित पदोन्नति के बहाने अजा अजजा वर्ग के सभी रोस्टर के पदों को अनारक्षित वर्ग से भर कर समाप्त कर दिया गया और जब पिंगुआ कमेटी ने दो साल बाद रिपोर्ट प्रस्तुत की ओ भी आधी अधूरी जो सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देश के अनुरूप नहीं होने कारण छ ग उच्च न्यायालय ने उसे उपयुक्त नहीं ठहराते हुए अंतिम सुनवाई 16 अप्रेल 2024 को पूर्ववर्ती आरक्षण नियम को ही निरस्त कर वर्तमान सरकार को निर्देशित किया है कि तीन महीने के भीतर सर्वोच्च न्यायालय में समय समय पर आये निर्णय , एम् नागराज केश , और जरनैल सिंह 2 के अनुसार रिवर्क कर नए नियम बनाए|

 


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इसी परिप्रेक्ष्य में छत्तीसगढ़ के समस्त अजा अजजा वर्ग के संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने मान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात करके पदोन्नति में आरक्षण को लागु करवाने तत्काल उचित पहल करने का आग्रह किया है | प्रतिनिधि मंडल में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ से राजेंद्र चंद्रवंशी , कैलाश नेताम, डी एस ध्रुवे, शिवकुमार कंवर , जयपाल सिंह ठाकुर छत्तीसगढ़ विद्युत् मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ से आर एल ध्रुव, मनहरण चंद्रवंशी, जीके मंडावी , जेके सिंह छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ अजाक्स से डॉ लक्षमण भारती, जीतेन्द्र कुमार पाटले, दिलीप घृतलहरे , गजाराम कंवर, डा पुष्पेन्द्र लहरे , महेंद्र बागडे तथा सोजलीफ से विनोद कोशले, डीएल भारती और अश्वनी बंजारा उपस्थित रहे| उक्त जानकारी जीतेन्द्र पाटले प्रांतीय संगठन सचिव अजाक्स ने दी |

 


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