फास्टैग केवाईसी के बाद अब नया झंझट ‘केवाईवी’, वाहन मालिकों में मचा हड़कंप

नई दिल्ली

बार-बार KYC (नो यॉर कस्टमर) (केवाईसी) (अपने ग्राहक को जानें) की प्रक्रिया से गुजरना ही शायद काफी नहीं था, तो अब सरकार ने एक नया नियम लागू किया है- KYV (Know Your Vehicle) (केवाईवी) यानी अपने वाहन को जानें। यह नई प्रक्रिया उन सभी लोगों के लिए जरूरी है जिनके पास गाड़ी और FASTag (फास्टैग) है। इसका मकसद है फास्टैग सिस्टम को साफ और सुरक्षित बनाना। लेकिन लोगों के लिए यह एक और झंझट बन गया है।

क्या है KYV और क्यों लागू हुआ?
1 नवंबर 2024 से KYV को सभी फास्टैग यूजर्स के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब आपको अपनी गाड़ी की फोटो और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) अपलोड करने होंगे। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फास्टैग सही गाड़ी से जुड़ा हुआ है।

यह पहल NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की है, जिसे NPCI ने लागू किया है। इस नियम के पीछे वजह यह है कि कई मामलों में फास्टैग का गलत इस्तेमाल हो रहा था। जैसे ट्रक ड्राइवर कारों के फास्टैग का इस्तेमाल करके कम टोल टैक्स दे रहे थे। सरकार का कहना है कि KYV के जरिए ऐसे दुरुपयोग को रोका जा सकेगा।

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कैसे करना होगा KYV
KYV प्रोसेस में हर फास्टैग को उसके व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर (VRN) और चेसिस नंबर से लिंक करना जरूरी है। इसके अलावा,

    आपको अपनी गाड़ी का सामने से एक फोटो लेना है, जिसमें फास्टैग और नंबर प्लेट साफ दिखे।
    एक साइड फोटो भी लेनी है, जिसमें गाड़ी के एक्सल (पहिए) नजर आएं।
    इन फोटो के साथ वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) अपलोड करनी होगी।

इसके बाद बैंक या फास्टैग जारी करने वाली कंपनी इन डिटेल्स को VAHAN (वाहन) डेटाबेस से वेरिफाई करेगी। अगर KYV नहीं किया गया तो फास्टैग अपने-आप डिएक्टिवेट हो जाएगा।

हर तीन साल में दोबारा करनी होगी प्रक्रिया
यह प्रक्रिया सिर्फ एक बार की नहीं है। हर तीन साल में दोबारा KYV वेरिफिकेशन कराना होगा, ताकि सिस्टम अपडेट रहे और गलत इस्तेमाल को रोक जा सके।

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि कई लोग फास्टैग को गाड़ी पर लगाने की बजाय पर्स या जेब में रखते हैं। जिससे उसका गलत इस्तेमाल संभव हो जाता है। अब "वन व्हीकल, वन टैग" का नियम लागू किया जाएगा।

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सरकार को भी समझ आया झंझट

लोगों की परेशानियों को देखकर अब सरकारी अधिकारी बैंकों से कह रहे हैं कि बिना ग्राहक को फोन किए उनका फास्टैग डिएक्टिवेट न करें। रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी ने माना कि प्रक्रिया "बहुत जटिल" है और इसे आसान बनाना जरूरी है।

सरकार अब यह विचार कर रही है कि सभी बैंकों के पोर्टल पर KYV प्रक्रिया एक जैसी हो। और इसके लिए एक समान हेल्पलाइन नंबर भी दी जाए, ताकि लोग आसानी से मदद पा सकें।