अजीत जोगी जी की वसीहत, देखें क्या लिखा है 

Johar36garh (Web Desk)| प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी अंतिम और अनन्त यात्रा में निकल चुके हैं। अंतिम क्रिया कर्म के बाद गौरेला में जोगी की वसीयत को पढ़ा गया।

परिवार और उनके समर्थकों ने वसीयत के अनुसार अंतिम इच्छा पूरी करने का संकल्प लिया है। इसी क्रम में 2 जून को जोगी के इच्छानुसार बिलासपुर से कलश यात्रा निकाली जाएगी।

वसीयत

अंतिम सांसो के सुप्त होने के पहले
ले चलना मुझे
‘अमरकंटक’, ‘अचानकमार’, ‘क्योंचीं’, व ‘पीड़ा’
के नित्य हरित वनो में !
चंद लमहों के लिए सही,
मेरा बचपन फिर जी लेने देना,
‘महुआ’, ‘चार’, ‘चिरौंजी’, ‘तेंदू’ और ‘बेल’
इनका अंतिम भोज करा देना
और बाद मरने के मेरे
‘मोहलाईन’ के मखमली पत्तों में लपेटकर
नश्वर नाकाम मेरी देह को
चाहो तो दफना देना
वहीं कहीं
नर्मदा के उद्गम के समीप,
नर्मदा के ही तट पर
या सुनमुड़ा घाटी के नीचे
जिससे
राख मेरी नर्मदा में समाहित हो जाए या
मैं दफन पड़ा रहूं वहीं
नर्मदा के शीतल प्रवाह में
घुटने घुटने पानी में खेलता
पैरो को सहलाता
वैसा ही वैसा
‘ननुआ’, ‘मोहन’, ‘मुरारी’, ‘शंकर’, ‘शिरिल’, ‘गोविंद’
के साथ, बरसों पहले
किया करते थे हम कई बार…

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–अजित प्रमोद जोगी

अजीत जोगी जी के जाने पर छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध गायिका किरण भारती ने अपने गीत के माध्यम से छत्तीसगढ़वासियों का दर्द बया की |

 

 

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