स्वच्छता में अंबिकापुर ने मारी बाजी, देशभर में हासिल किया दूसरा स्थान

अंबिकापुर 

अंबिकापुर नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण में अपनी पहचान बना ली है। उसे सुपर स्वच्छ लीग में शामिल किया गया है। 17 जुलाई को दिल्ली में अंबिकापुर को एलीट क्लब में शामिल शहरों के बीच सुपर स्वच्छ लीग के परिणाम के बाद सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में छत्तीसगढ़ के डेप्युटी सीएम अरुण साव को यह सम्मान दिया। अंबिकापुर नगर निगम ने शहर को सुंदर बनाने के लिए काम किया और पिछली बार के सर्वे में जो कमियां थीं, उन्हें दूर किया।

अंबिकापुर नगर निगम ने पहले भी स्वच्छता के लिए बहुत काम किया है। लेकिन कुछ समय से उसकी रैंकिंग गिर गई थी। इस बार नगर निगम ने और भी ज्यादा मेहनत की। शहर को साफ रखने के साथ-साथ उसे सुंदर भी बनाया। लोगों को स्वच्छता के बारे में जागरूक किया। जिसके फलस्वरूप उसे सुपर स्वच्छ लीग में टॉप जगह मिल गई है।

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सर्वे के बाद आए नतीजे
स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम शहर में दो बार आई। पहली बार उन्होंने सामान्य स्वच्छता का सर्वे किया। दूसरी बार स्टार रेटिंग के लिए टीम आई और फिर ओडीएफ प्लस प्लस के लिए टीम आई। ओडीएफ प्लस प्लस का मतलब है कि शहर में शौचालय की अच्छी व्यवस्था है और उनका सही इस्तेमाल हो रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद अब नतीजे घोषित किए गए।

इस कैटेगरी में मिला अवार्ड
इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में कुछ नए नियम भी जोड़े गए थे। इनके आधार पर शहरों का मूल्यांकन किया गया। 50 हजार से 3 लाख की आबादी वाले शहरों में अंबिकापुर को पहला स्थान मिला है। यह अंबिकापुर के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।

स्वच्छता छत्तीसगढ़ की संस्कृति- डेप्युटी सीएम
छत्तीसगढ़ के डेप्युटी सीएम अरुण साव ने इस खुशी के पल को सोशल मीडिया पर शेयर किया। उन्होंने लिखा कि स्वच्छता छत्तीसगढ़ की संस्कृति का हिस्सा है। छत्तीसगढ़ की अपनी टीम के साथ छत्तीसगढ़ के अपने 3 करोड़ परिवारजनों के प्रतिनिधि के रूप में स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में सम्मिलित हो रहा हूं।

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कर्मचारियों की तारीफ
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ के निकायों को जो सम्मान मिल रहा है, वह बहुत खुशी की बात है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। साथ ही, अधिकारियों और कर्मचारियों के समर्पण और मेहनत की तारीफ की।

कचरा बेचकर निगम को होती है आमदनी
नगर निगम अंबिकापुर कचरा बेचकर कमाई करता है। इसके लिए प्रॉपर कचरे को छांटा जाता है। सेनिटेशन सेंटर में इस पूरे कचरे को गीला, ठोस के रूप में अलग करता है। हर महीने इसकी बिक्री होती है। करीब तीन साल में अंबिकापुर नगर निगम में करीब दो करोड़ की आमदनी कचरा बेचने से हो चुकी। इसके अलावा कंपोस्ट खाद से भी आय हो रही है।