जांजगीर जिला के पामगढ़ में आयोजित तीन दिवसीय संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास सतगवा भदराधाम मेला का आज समापन है। मेले में भजन संध्या के अलावा यहां लगे झूले बच्चों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं। यहाँ बड़ी संख्या में परिवार यहां पहुंचकर भजन और झूले का आनंद ले रहे हैं।
सतगवा भदराधाम मेला समिति द्वारा पिछले 32 वर्षों से मेले का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं और मेला का आनंद लेते हैं। मेले में शामिल होने के लिए आसपास के अलावा अन्य जिलों के भी पंथी टोली, भजन मंडली, चौकाहार सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम देने के लिए जत्था यहां पहुंचता है। तीन दिनों तक पूरा गांव भक्ति में रहता है।
इस मेले में गुरु घासीदास जी के भक्त श्रवण दास कुर्रे द्वारा समाधि भी लिया जाता है। यह समाधि मेले के शुभारंभ के दौरान लिया जाता है। मेले परिसर में एक गड्ढा खोदा जाता है जिसके अंदर श्रवण दास ध्यान मुद्रा में बैठ जाता है जिसे ऊपर से पूरी तरह मिट्टी ढक कर बराबर कर दिया जाता है। इस दौरान हुए तीनों दिन बाबा जी के भक्ति में लीन रहते हैं। मेले के समापन के दिन उसे बाहर निकाला जाता है। यह परंपरा पिछले कई वर्षों से निभाई जा रही है।
इस वर्ष छोटे बड़े झूले लगाए गए हैं जो बच्चों को अपनी ओर खींच रहे हैं। जिससे मेला की रौनक और बढ़ गई है। लोग अपने साथ अपने परिवार के पूरे सदस्य सहित पहुंच रहे हैं और मेले का आनंद ले रहे हैं। मेले में बड़ी संख्या में दुकान-होटल के साथ साथ दुकानदार अपने प्रतिष्ठानों के स्टॉल लगाए हुए हैं। जिसे खरीदारी करने लोगों की भीड़ उमड़ी रहती है।
यह मेला जांजगीर पामगढ़ मुख्य मार्ग के किनारे लगा होने के कारण यातायात प्रभावित न हो इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन भी मुस्तादी से तैनात रहती है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पुलिस सुरक्षा की दृष्टिकोण से मेले का निरीक्षण करते रहती है जिसे कोई अपनी घटना ना घटे।
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