बलौदाबाजार हिंसा : पुलिस ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए भेजा जेल, 20 फरवरी को घेरेंगे सीएम हाउस, सांसद चंद्रशेखर का ऐलान

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बलौदाबाजार हिंसा
रायपुर:
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद बुधवार को अपने समर्थकों के साथ रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बलौदाबाजार हिंसा मामले में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद लोगों से मुलाकात की।
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में बीते दिनों सतनामी समाज के आंदोलन और उसमें हुई हिंसा में गिरफ्तार किए गए लोगों से आज रायपुर के सेंट्रल जेल में मुलाकात की। बलौदाबाजार हिंसा में निर्दोष सतनामी समाज के लोगों को बर्बरतापूर्वक पीटा गया है। एक गर्भवती महिला को पीटा गया और पेट में ही उसका बच्चा खत्म हो गया। उस महिला ने अपना सब कुछ खो दिया।

सतनामियों पर जुल्म करना चाहती है सरकार

उन्होंने आगे कहा कि यह घटना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है, सिर्फ सतनामी समाज को फंसाने के लिए इस तरह की कार्रवाई की गई है। सरकार सतनामियों पर जुल्म करना चाहती है, लेकिन सतनामी समाज अपने हक और अधिकार के लिए हमेशा आवाज उठाएगा। हमारे लिए सतनामी समाज का गौरव महत्वपूर्ण है। सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन ने सतनामी समाज के लोगों का दमन किया। इससे वंचित समाज के लोगों में रोष व्याप्त है।

मुख्यमंत्री निवास का घेराव

आजाद ने आगे कहा कि अगर सरकार और मुख्यमंत्री चाहें तो बलौदाबाजार हिंसा के पूरे प्रकरण को वापस ले सकते हैं और निर्दोषों को जेल से रिहा कर सकते हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो आने वाले 20 फरवरी को पूरा सतनामी समाज इसके खिलाफ मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेगा। जांच की रिपोर्ट आने के बाद हम इस पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जाएंगे।

सतनामी समाज के लोगों की रिहाई करें सरकार

सांसद चंद्रशेखर आजाद ने आगे कहा कि जेल के अंदर मुलाकातों के दौरान उन्हें यह महसूस हुआ कि पुलिस ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए लोगों को जेल भेजा है। बलौदाबाजार हिंसा में जेल में बंद लोगों का मानना है कि उन्हें न्याय मिलेगा। हमारी मांग है कि सरकार सतनामी समाज के लोगों की रिहाई करें।

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