कोरबा जिले के सुदूर जंगलों और पहाड़ों के बीच दिन दुनियाँ से बेखबर रहने वालों के बीच जब कुछ लोग मिठाई, कपड़े चॉकलेट लेकर पहुंचे तब उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था की वे उन्हीं के लिए हैं | जब उन्हें वो सब मिलता गया तब उनके चेहरे खिल उठे और ख़ुशी उनके आखों में दिखने लगे|
चरामेति फाउंडेशन कोरबा के सदस्य दिवाली के अवसर पर कोरबा के सतरेंगा ब्लॉक में रहने वाले कोरवा आदिवासी गांव पहुंचे थे | चरामेति फाउंडेशन के सदस्य मनोज लहरे ने बताया की राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवा जनजातियों, धनवार जनजातियों समेत छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन झुग्गी बस्ती क्षेत्रो में 900 बच्चों में किया नए टी शर्ट एवं चॉकलेट का वितरण किया गया | फाउंडेशन के द्वारा प्रतिवर्ष ऐसे जरूरतमंद बच्चे जो झुग्गी बस्ती, बीहड़ जंगल मे निवास करते है जिनके लिए त्यौहार में भी भौतिक खुशी खरीदना संभव नही हो पाता उन बच्चों को हमारे कार्यकर्ता घूम घूम कर नए टी शर्ट चॉकलेट खिलौने इत्यादि वितरण करते हैं। इस वर्ष दीपावली के दिन हमारे कार्यकर्ताओं ने नन्हे बच्चों को खुशी बांटने सुबह से रात तक घूमते रहे, खोजते रहे ऐसे बच्चे जो त्यौहार में भी बिना कपड़े के घूम रहे थे |
हर साल कार्यकर्ता अपने घर की पूजा तैयारियां छोड़ इस संकल्प से दीपावली मनाते है | | उन्होंने बताया की पहाड़ी कोरवा बस्ती, धनवार बस्ती, ऐसे जगह पर है जहां पगडंडी ही पहुंचने का एकमात्र रास्ता है | वहां बड़ी मुश्किलों का सामना करके बाइक से चलकर पहुंचे| फाउंडेशन के सदस्यों में राजेंद्र ओझा, प्रेमप्रकाश साहू, अतुल साहू, सुधीर शर्मा, दुर्गेश साहू, दीपक साहू, भाष्कर जायसवाल, हेमंत गणेश्वर, अरविंद सोनी, राजेश साहू, मनोज लहरे, पंकज पांडेय, योगिता सिंह राजपूत, लक्ष्मण दावड़ा, चंद्रभूषण महतो, नागेंद्र केंवट, प्रतीक साहू, सोनू, महेंद्र कंवर, विमल सिंह, हरीश साहू शामिल थे |